NIA ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया- मनसुख हिरेन को मारने के लिए सचिन वाजे ने प्रदीप शर्मा को दिए 45 लाख रुपए

मनसुख हिरेन हत्याकांड (Mansukh Hiren murder case) मामले में मुख्य आरोपी प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) जमानत याचिका का एनआईए ने विरोध किया है। एजेंसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया है कि प्रदीप शर्मा को सचिन वाजे (Sachin Waze) ने मनसुख को मारने के लिए 45 लाख रुपए दिया था।

मुंबई। मनसुख हिरेन हत्याकांड (Mansukh Hiren murder case) मामले की जांच कर रही एनआईए (National Investigation Agency) ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया है कि मनसुख हिरेन को मारने के लिए सचिन वाजे ने प्रदीप शर्मा को 45 लाख रुपए दिए थे। एनआईए ने चार मई को हाईकोर्ट में शपथ पत्र दायर कर शिवसेना नेता और मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका का विरोध  किया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि मुकेश हिरेन हत्याकांड में शर्मा मुख्य साजिशकर्ता है। एनआईए ने कोर्ट को बताया कि शर्मा ने बरखास्त हुए मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे से 45 लाख रुपए लिए थे। सचिन ने ये पैसे कारोबारी मुकेश हिरेन की हत्या के लिए दिए थे। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि 25 फरवरी 2021 को वाजे ने विस्फोटकों से लदी एसयूवी को मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के आवास एंटीलिया के बाहर रखने की साजिश रची थी। बाद में वाजे ने कार में बम रखने का दोष हिरेन पर लगाया। हिरेन के मना करने के बाद वाजे ने शर्मा से संपर्क किया और हिटमैन को काम पर रखने व हिरेन को खत्म करने के लिए उसे 45 लाख रुपए दिए। 

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शर्मा ने किया जघन्य अपराध
एनआईए ने कहा कि शर्मा ने न केवल हिटमैन को काम पर रखा, बल्कि उसे सिम कार्ड मुहैया कराए और हत्या के बाद देश से भागने में मदद की। हलफनामे के अनुसार शर्मा के अलावा मामले के अन्य आरोपियों ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक "जघन्य और गंभीर अपराध" किया। एनआईए ने कहा,  "अपीलकर्ता ने स्वेच्छा से और जानबूझकर मनसुख हिरेन की हत्या को अंजाम देने के लिए एक सुव्यवस्थित आपराधिक साजिश किया। यह सह-आरोपी सचिन वाजे और अन्य द्वारा किए गए आतंकवादी कृत्य का प्रत्यक्ष परिणाम था।"

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अदालत से शर्मा की जमानत खारिज करने का अनुरोध करते हुए एनआईए ने दावा किया कि वह बड़ी साजिश का हिस्सा थे। उन्होंने मुंबई पुलिस आयुक्त के कार्यालय में अन्य आरोपियों के साथ मुलाकात की। उनके द्वारा सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और गवाह को प्रभावित करने की संभावना है। बता दें कि शर्मा को जून 2021 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। एक विशेष अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

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