
पालघर(Maharashtra). पालघर मॉब लिंचिंग मामले में सीबीआई जांच का रास्ता साफ हो गया है। शिंदे सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि उन्हें पालघर में साधुओं की पीट-पीट कर की गई हत्या के मामले में CBI जांच से कोई आपत्ति नहीं है। साल 2020 में पालघर में भीड़ ने दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर मांग की गई थी कि इस केस की जांच सीबीआई से कराई जाए। जब राज्य में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार थी तब उसने इस जांच का विरोध किया था।
बता दें कि साल 2020 में पालघर में भीड़ ने दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पालघर में साधुओं की पीट-पीटकर हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की गई थी कि इस केस की जांच सीबीआई से कराई जाए। लेकिन तत्कालीन उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार ने इस जांच का विरोध किया था। अब सूबे में सत्ता परिवर्तन और बीजेपी के समर्थन वाली सरकार आने के अब्द स्थितियां बदल गईं और अब सरकार ने इस मामले की CBI जांच कराने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
ये दलीलें देकर उद्धव सरकार ने किया था विरोध
पालघर मामले में उद्धव सरकार ने ये कहकर सुप्रीम कोर्ट में CBI जांच वाली याचिका का विरोध किया था कि मामले में राज्य पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। जिन पुलिसकर्मियों ने इस मामले में लापरवाही बरती थी उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो चुकी है। बता दें कि सीबीआई जांच के लिए याचिका मारे गए साधुओं के परिजनों की ओर से दी गई थी।
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