
मुंबई। शिवसेना के दोनों गुटों के मामलों की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले एकनाथ शिंदे गुट ने सोमवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलाई। दावा किया गया है कि इसमें शिवसेना के 12 सांसदों ने भाग लिया और निर्णय लिया कि लोकसभा में अलग समूह बनाएंगे। शिवसेना के एक सांसद ने कहा कि सांसद राहुल शेवाले की अगुवाई में लोकसभा में अलग गुट बनाने का फैसला लिया गया है। हालांकि, शिंदे गुट के प्रवक्ता ने ऐसी किसी भी मीटिंग से इनकार किया है।
सांसद ने क्या किया है दावा
शिवसेना के बागी गुट के एक सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी वर्चुअल बुलाई गई थी। इसमें 12 लोकसभा सदस्यों ने भाग लिया। राहुल शेवाले की अगुवाई में लोकसभा में अलग गुट बनाने का राष्ट्रीय कार्यकारिणी में फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले विद्रोही समूह द्वारा बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने भी शिंदे को पार्टी का प्रमुख नेता नियुक्त किया। सांसद ने यह भी दावा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय समिति की जगह नई राष्ट्रीय समिति भी बनाई गई है।
सांसद ने बताया कि कौन-कौन नहीं आया
उन्होंने कहा कि शिवसेना सांसद विनायक राउत, अरविंद सावंत, गजानन किरीटकर, संजय जाधव, ओम राजे निंबालकर और राजन विचारे, शिंदे द्वारा बुलाई गई वर्चुअल मीटिंग में भाग नहीं लिए हैं। जबकि अन्य सभी 12 सांसद शामिल हुए। लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसद हैं, जिनमें 18 महाराष्ट्र से हैं। सांसद ने यह भी दावा किया कि शिवसेना नेता आनंदराव अडसुल और रामदास कदम, जिन्होंने अपना पद छोड़ दिया था, को विद्रोही गुट द्वारा बहाल किया गया है। सांसद ने दावा किया कि शिवाजीराव अधलराव पाटिल, पूर्व मंत्री गुलाबराव पाटिल और उदय सामंत को शिवसेना का उप नेता नियुक्त किया गया है।
शिंदे गुट के प्रवक्ता ने किया इनकार
हालांकि, शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने ठाकरे द्वारा नियुक्त मौजूदा समिति की जगह किसी राष्ट्रीय समिति के गठन से इनकार किया है। केसरकर ने शिवसेना सांसद के दावे का खंडन करते हुए कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि हमने एक अलग राष्ट्रीय समिति बनाई है। हम फिर से पार्टी के एकीकरण के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि मैं शिंदे खेमे का महज एक प्रवक्ता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि मुंबई में हर दिन बैठकें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के आसपास कुछ सलाहकार हैं जो उनका जहाज डुबो रहे हैं। वे वही हैं जो उन्हें गलत सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक कोई राजनीतिक शून्य नहीं होगा, कोई भी मौजूदा राजनीतिक दल विकसित नहीं हो सकता है। शिवसेना को कमजोर करके, अन्य दलों द्वारा अपने लिए जगह बनाई जा रही है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में है सुनवाई
शिवसेना ने कुछ बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट 20 जुलाई को महाराष्ट्र में हाल की घटनाओं से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है। दरअसल, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना में बीते महीने बगावत हो गई थी। एकनाथ शिंदे की अगुवाई में हुई इस बगावत के बाद राज्य की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था। उधर, बागियों ने बीजेपी के साथ गठबंधन करके राज्य में सरकार बना ली। एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को बीजेपी कोटे से उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। फिलहाल, शिंदे कैबिनेट में सीएम और डिप्टी सीएम ही हैं।
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