उद्धव ठाकरे की मुश्किलें खड़ी कर रहे शिवसेना सांसद, 16 सांसदों ने कहा-मुर्मु का समर्थन करना लाभदायक

विधायकों की बगावत झेल चुकी शिवसेना के सामने एक बार फिर चुनौती दिख रही है। सोमवार को पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने सांसदों की मीटिंग बुलाई। 22 में से 16 सांसदों ने शिरकत किया। लेकिन अधिकतर इस पक्ष में हैं कि एनडीए कैंडिडेट को राष्ट्रपति चुनाव में वोट किया जाए। 

Dheerendra Gopal | Published : Jul 11, 2022 3:37 PM IST

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई शिवसेना के 16 सांसदों की मीटिंग में राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी पर रायशुमारी की गई। मुंबई में हुई मीटिंग में सांसदों ने एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु को वोट करने का सुझाव दिया। सांसदों की राय थी कि द्रौपदी मुर्मु आदिवासी समाज से हैं। महाराष्ट्र में आदिवासी समाज की संख्या काफी अच्छी है। शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने बैठक के बाद बताया कि सभी 16 सांसद इस बात से सहमत थे कि द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं और इसलिए उन्हें वोट देना चाहिए। महाराष्ट्र में आदिवासी आबादी का एक बड़ा हिस्सा है। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में कोई व्हिप जारी नहीं होता और सांसद अपनी इच्छा के अनुसार वोट कर सकते हैं।

मीटिंग में सांसदों ने दिया सुझाव

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उद्धव ठाकरे की मीटिंग में मौजूद सांसदों ने सुझाव दिया कि संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करने की बजाय द्रौपदी मुर्म का समर्थन करना चाहिए। हालांकि, ठाकरे ने इस पर एक दो दिनों में अपना निर्णय सुनाने को कहा है। 

एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना में बगावत

शिवसेना में बीते दिनों बगावत के बाद एकनाथ शिंदे गुट अलग हो गया था। उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बगावत करने वाले शिवसेना विधायकों ने यह कहा था कि वे लोग इसलिए बागी हुए हैं क्योंकि शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर कांग्रेस-एनसीपी से अलायंस किया था।

सरकार गिरने के बाद उद्धव ठाकरे पर दबाव

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद संगठन के अस्तित्व को बचाने को लेकर भी ठाकरे चिंतित हैं। संगठन का मामला कोर्ट में है। ऐसे में ठाकरे पर सांसदों के सुझाव पर एक सिरे से खारिज करना मुश्किल भरा फैसला हो सकता है। 

एकनाथ शिंदे के बेटे सहित छह नहीं पहुंचे

सोमवार की बैठक में ठाकरे परिवार पर शिवसेना के सैनिकों के समर्थन का भी टेस्ट होना था। इस मीटिंग में शिवेसना के 16 सांसद मौजूद रहे। एकनाथ शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे समेत छह सांसद इस मीटिंग में नहीं गए। बता दें कि शिवसेना के लोकसभा में 19 सांसद व राज्यसभा में तीन सदस्य हैं।

शिंदे गुट भी द्रौपदी मुर्मु के ही साथ

शिवसेना का दूसरा गुट भी द्रौपदी मुर्मु के ही साथ है। शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले ने एनडीए उम्मीदवार को वोट देने के लिए कहा था। हालांकि, शिवसेना के सांसदों के आने-जाने से एनडीए उम्मीदवार पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। दरअसल, नीतिश कुमार के जदयू और नवीन पटनायक के बीजू जनता दल के समर्थन की वजह से एनडीए प्रत्याशी लाभ में है।

अभी भी सांसद ठाकरे के ही साथ

उद्धव ठाकरे के वफादार, शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा कि "हम शिवसेना पार्टी हैं। हमारे पास 19 सांसद हैं। जो छोड़ना चाहते हैं, वे इस्तीफा दे सकते हैं और छोड़ सकते हैं। विधायकों की तरह अगर दो-तिहाई संख्याबल के साथ अलग होना चाहते हैं तो कम से कम 13 सांसद उनके पास होने चाहिए। 

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