संजय राउत बोले- वाइन नहीं शराब, सुपर मार्केट और वॉक-इन स्टोर में वाइन बिकेगी तो किसान की आय होगी दोगुनी

उद्धव कैबिनेट ने गुरुवार को महाराष्ट्र में सुपर मार्केट और आसपास की दुकानों पर शराब की बिक्री की अनुमति देने का फैसला लिया था। राज्य सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। भाजपा ने इस फैसले की आलोचना की है और सरकार की घेराबंदी की जा रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 28, 2022 7:05 AM IST

मुंबई। महाराष्ट्र में नई शराब नीति को लेकर विवाद बढ़ गया है। इस बीच, शुक्रवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने सुपर मार्केट और वॉक-इन स्टोर में वाइन की बिक्री की अनुमति दिए जाने के फैसले पर बचाव किया। राउत ने कहा कि वाइन शराब नहीं है। अगर वाइन की बिक्री बढ़ती है तो किसानों को इसका लाभ मिलेगा। हमने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए ऐसा किया है। भाजपा सिर्फ विरोध करती है लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं करती है।

दरअसल, उद्धव कैबिनेट ने गुरुवार को महाराष्ट्र में सुपर मार्केट और आसपास की दुकानों पर शराब की बिक्री की अनुमति देने का फैसला लिया था। राज्य सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। भाजपा ने इस फैसले की आलोचना की है और सरकार की घेराबंदी की जा रही है। भाजपा का कहना है कि उद्धव सरकार शराब को बढ़ावा देने का काम कर रही है। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सरकार ने शराबबंदी वापस ले ली है। हम महाराष्ट्र को ‘मद्य-राष्ट्र’ नहीं बनने देंगे। महाविकास आघाड़ी सरकार ने महामारी के दो साल के दौरान आम लोगों की मदद नहीं की, लेकिन शराब की बिक्री को प्राथमिकता के साथ बढ़ावा दिया जा रहा है।

सरकार ने ये फैसला लिया है...
महाराष्ट्र सरकार के नए फैसले के मुताबिक, सुपर मार्केट और आसपास की दुकानों में अलग स्टॉल आधारित व्यवस्था बनाई जाएगी, जिनका क्षेत्रफल 100 वर्ग मीटर या उससे ज्यादा होगा और जो महाराष्ट्र की दुकान और प्रतिष्ठान कानून के तहत पंजीकृत होंगे। इसके साथ ही पूजा स्थल या शैक्षणिक संस्थानों के नजदीक सुपर मार्केट में शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी। जिन जिलों में शराबबंदी लागू है, वहां भी शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी। शराब बेचने के लिए सुपर मार्केट को 5 हजार रुपए का शुल्क देना होगा।

सरकार किसानों को फायदा बता रही
मंत्री नवाब मलिक के अनुसार, सरकार के इस कदम से वाइन बनाने वालों और महाराष्ट्र के किसानों को भी फायदा होगा। सरकार का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना भी है। उनका कहना था कि इस फैसले से राज्य के खजाने में करोड़ों रुपए का राजस्व आएगा। राज्य सरकार की मौजूदा पॉलिसी के अनुसार, अभी वाइन सिर्फ शराब बिक्री केंद्रों पर ही उपलब्ध होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की वाइन इंडस्ट्री की 64 फीसद निर्माण इकाइयां महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र में नासिक, सांग्ली, पुणे, सोलापुर, बुल्ढ़ाणा और अहमदनगर में सबसे ज्यादा वाइन फैक्टरी हैं।

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