शिवसेना को सता रहा डर, होटल के बाहर 2 लग्जरी बसें, अज्ञात जगह शिफ्ट किए जाएंगे विधायक

शिवसेना के सभी निर्वाचित विधायक मुंबई के रंग शारदा होटल में रोके गए हैं। होटल में शुक्रवार सुबह ज्यादा हलचल नहीं थी, लेकिन दोपहर के बाद से यहां सरगर्मी काफी बढ़ गई है। होटल के बाहर पुलिस सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम है। शुक्रवार को होटल के गेट पर दो लग्जरी बसें खड़ी नजर आई हैं।

Asianet News Hindi | Published : Nov 8, 2019 12:12 PM IST

मुंबई. महाराष्ट्र में निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफे के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात भी रखी है। इस्तीफे के बाद मुंबई में राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई है। नतीजों के को आए काफी समय हो गया है, लेकिन अब तक सरकार का गठन नहीं हो सका है। शिवसेना, लगातार हमले कर रही है और सत्ता में बराबर की भागीदारी को लेकर बीजेपी पर मुकरने का आरोप लगा रही है।

शिवसेना ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त, विधायकों को तोड़ने और गलत तरीके से सरकार बनाने के आरोप भी लगाए हैं। रिपोर्ट्स यह भी हैं कि पार्टी को टूट का खतरा है जिससे निपटने के लिए सभी विधायकों को एक होटल में ठहरा दिया गया है। पार्टी अब इन्हें किसी अज्ञात जगह ले जाने की तैयारी में है।

अज्ञात जगह शिफ्ट करने की तैयारी

शिवसेना के सभी निर्वाचित विधायक मुंबई के रंग शारदा होटल में रोके गए हैं। होटल में शुक्रवार सुबह ज्यादा हलचल नहीं थी, लेकिन दोपहर के बाद से यहां सरगर्मी काफी बढ़ गई है। होटल के बाहर पुलिस सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम है। शुक्रवार को होटल के गेट पर दो लग्जरी बसें खड़ी नजर आई हैं। कुछ रिपोर्ट्स में विधायकों को राजस्थान या किसी और अज्ञात जगह शिफ्ट करने की चर्चाएं भी हैं। विधायकों की निगरानी का पूरा जिम्मा उद्धव ठाकरे के सबसे विश्वस्त अनिल परब और मिलिंद नार्वेकर निभा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इन्हीं दो नेताओं पर विधायकों को किसी और जगह शिफ्ट करने का भी जिम्मा है।

पार्टी को दर है कि विधायकों से संपर्क कर उन्हें तोड़ा जा सकता है। होटल में ठहराए जाने की कवायद ऐसी किसी टूट की आशंका से बचने के लिए है। हालांकि पार्टी ने इसके पीछे दूसरी वजह बताई है।

होटल में क्यों रोका गया विधायकों को

इस बारे में संजय राऊत ने कहा, "कोई निर्णय लेने की स्थिति में सभी विधायक एक साथ रहे इस वजह से ऐसा किया गया है। कई विधायक पहली बार चुने गए हैं। उन्हें विधायक निवास नहीं मिला है। रहने की व्यवस्था नहीं है। यह भी सभी को एक साथ रखने की एक वजह है।"  वैसे शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे होटल जाकर अपने विधायकों से मिल चुके हैं। उधर, कांग्रेस विधायकों के भी अज्ञात स्थल पर ले जाने की चर्चाएं सामने आ रही हैं।

24 घंटे में सरकार नहीं बनी तो प्रेसिडेंट रूल

बताते चलें कि बीजेपी-शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था। नतीजों मे गठबंधन को बहुमत भी हासिल हो गया था पर ढाई ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री के पद की मांग को लेकर शिवसेना ने बीजेपी को सपोर्ट नहीं दिया। शिवसेना का दावा है कि चुनाव से पाले 50:50 के फोर्मूले पर बात हुई थी। हालांकि बीजेपी और उसके नेताओं ने ऐसे वादे से पूरी तरह से इनकार किया है। 9 नवंबर को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। सरकार नहीं बनने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन भी लागू किया जा सकता है। फिलहाल किसी भी एक दल के पास बहुमत नहीं है। सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी है। 

Share this article
click me!