उद्धव ठाकरे गुट चाहता है पार्टी का नाम शिवसेना बाला साहेब हो, ECI को तीन विकल्प भी दिए

शिवसेना को चुनाव आयोग ने तीर-धनुष वाला सिंबल साल 1989 में दिया था। इसके पहले शिवसेना कई चुनाव चिह्नों पर चुनाव लड़ चुकी है। इसके पहले शिवसेना ने तलवार और ढाल, नारियल के पेड़, रेलवे इंजन, कप और प्लेट जैसे विभिन्न प्रतीकों पर चुनाव लड़ा है।

Shiv Sena Uddhav faction choice: शिवसेना का सिंबल 'तीर-धनुष' चुनाव आयोग द्वारा सीज किए जाने के बाद शिवसेना के दोनों गुटों को चुनाव के लिए नए सिंबल की जरुरत होगी। मुंबई के अंधेरी पूर्व विधानसभा उप चुनाव के लिए शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव चिह्न के लिए तीन सिंबल्स की लिस्ट दी है। ठाकरे गुट ने इन्हीं तीन सिंबल्स में किसी एक को आवंटित करने की मांग की है। चुनाव आयोग सूत्रों की मानें तो उद्धव गुट ने त्रिशुल, उगता सूरज या मशाल में से किसी एक सिंबल की मांग की है। हालांकि, यह तय नहीं हो सका है कि इनमें से किसी एक का आवंटन आयोग करेगा या नहीं। 

पार्टी का नाम भी बाला साहेब के नाम से चाहते हैं जोड़ना

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शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने अंधेरी पूर्व उप चुनाव में अपने गुट का नाम भी आयोग को सुझाया है। ठाकरे गुट ने अपने धड़े का नाम भी आयोग को दिया है। इसमें 'शिवसेना बालासाहेब ठाकरे' नाम पहली पसंद हैं। जबकि 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' दूसरी पसंद हैं। अगर दोनों नहीं मिले तो 'शिवसेना बालासाहेब प्रबोधनकर ठाकरे' नाम का आवंटन किया जाए।

1989 में शिवसेना को मिला था तीर-धनुष सिंबल

शिवसेना को चुनाव आयोग ने तीर-धनुष वाला सिंबल साल 1989 में दिया था। इसके पहले शिवसेना कई चुनाव चिह्नों पर चुनाव लड़ चुकी है। इसके पहले शिवसेना ने तलवार और ढाल, नारियल के पेड़, रेलवे इंजन, कप और प्लेट जैसे विभिन्न प्रतीकों पर चुनाव लड़ा है।

शनिवार को शिवसेना का चुनाव चिह्न हो गया था सील

शिवसेना की लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों ने खुद को असली शिवसेना बताते हुए सिंबल और पार्टी के नाम पर दावा किया है। उधर, मुंबई अंधेरी पूर्व उप चुनाव के ऐलान के बाद शिंदे गुट ने सिंबल को लेकर फैसला करने का अनुरोध करते हुए तीर-धनुष पर अपना दावा किया था। शनिवार को आयोग ने फैसला करते हुए दोनों गुटों पर तीर-धनुष के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए शिवसेना के चुनाव चिह्न को सीज कर दिया था। साथ ही चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को तीन नाम और तीन सिंबल्स का विकल्प देने को कहा था ताकि उनको आवंटन किया जा सके और वह चुनाव लड़ सकें।

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