शिवसेना ने कहा, अगर प्रधानमंत्री सामाजिक दूरी चाहते हैं तो संसद क्यों चल रही है?

 शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर प्रधानमंत्री एक ओर लोगों से सामाजिक दूरी बनाने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक कारणों के चलते संसद की कार्यवाही चलाने की अनुमति दे रहे हैं

मुंबई: शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर प्रधानमंत्री एक ओर लोगों से सामाजिक दूरी बनाने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक कारणों के चलते संसद की कार्यवाही चलाने की अनुमति दे रहे हैं।

मोदी ने कल गुरुवार को देश को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में ‘‘संकल्प और संयम’’ की अपील करते हुए देश से रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करने का आग्रह किया थी। उन्होंने लोगों से घर के अंदर रहने और जितना हो सके, घर से ही काम करने की अपील की थी।

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अधिकारी और कर्मचारी एक साथ संसद में आते हैं

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के सम्पादकीय में कहा है कि हजारों सांसद, अधिकारी और कर्मचारी एक साथ संसद में आते हैं। उसने कहा, ‘‘ एक ओर सरकारी कामकाज बंद करना या उसे धीमा करने का लेकिन दूसरी ओर संसद सत्र की कार्यवाही जारी रखने पर अड़े रहना निश्चित तौर पर लोकतांत्रिक परम्परा को बनाए रखने का उद्देश्य नहीं हो सकता।’’

मराठी दैनिक समाचार ने आरोप लगाया कि संसद सत्र केवल मध्य प्रदेश सरकार को गिराने के कदम को ‘‘समर्थन’’ देने के लिए चलाया जा रहा है। शिवसेना ने कहा, ‘‘ कमलनाथ सरकार को शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित करना होगा। लेकिन कमलनाथ और उनके समर्थकों का तर्क यह है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच राज्य विधानसभा की कार्यवाही कैसे चलाई जाए।’’

मुम्बई को पूर्ण रूप से बंद किए जाने की जरूरत

उसने कहा, ‘‘अगर संसदीय सत्र की कार्यवाही समय से पहले स्थगित कर दी गई तो कमलनाथ के उस तर्क को मजबूती मिलेगी। इसलिए संसद की कार्यवाही कोरोना वायरस के मद्देनजर उत्पन्न हो रही आपात स्थिति के कारण भी जारी है। ऐसा दिल्ली के गलियारों में कहा जा रहा है। अब यह सच है या झूठ, सिर्फ वे ही जानते हैं ।’’

शिवसेना ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूर्ण बंद की भी वकालत की। उसने कहा, ‘‘ मुम्बई को पूर्ण रूप से बंद किए जाने की जरूरत है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस दिशा में कदम उठा रहे हैं। अगर हमारे लोग खुले में थूकना बंद कर दें तो कोरोना वायरस के मामले आधे हो जाएंगे ।’’

सम्पादकीय में कहा कि चीन के वुहान को 23 जनवरी से पूरी तरह बंद किए जाने के बाद स्थिति में सुधार आया है। चीन के वुहान से ही यह वायरस दिसम्बर में फैलना शुरू हुआ था और सबसे ज्यादा लोग वहीं पर इससे संक्रमित हुए, उसकी आबादी भी दिल्ली और मुम्बई के बराबर ही है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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