मुंबई. ठाणे जिले के कल्याण स्टेशन की यह तस्वीर बेहद चौंकाने वाली है। जरा-सी भी देरी होने पर इस महिला की जिंदगी बच पाना मुश्किल था, लेकिन एक कांस्टेबल की बहादुरी और सूझबूझ से उसकी जान बच गई। मामला रेलवे जंक्शन से करीब 2 किमी दूर रामबाग परिसर की रहने वाली 54 वर्षीय सुमंगला वाघ से जुड़ा है। घर में झगड़े के बाद वे गुस्सा होकर बाहर निकल आई थीं। वे ऐसे ही भटक रही थीं। कभी यहां, तो कभी वहां। इस बीच वे सुसाइड के इरादे से रेलवे ट्रैक पर जा पहुंचीं। वे ट्रेन का इंतजार करने लगीं। जैसे ही पुष्पक एक्सप्रेस के गुजरने का टाइम हुआ, वे पटरी पर लेट गईं। लेकिन मौत बगल से गुजर गई। यह मामला 30 अगस्त सुबह करीब 9.20 का है। लेकिन यह अब वायरल हुआ है।
मुंबई. ठाणे जिले के कल्याण स्टेशन की यह तस्वीर बेहद चौंकाने वाली है। जरा-सी भी देरी होने पर इस महिला की जिंदगी बच पाना मुश्किल था, लेकिन एक कांस्टेबल की बहादुरी और सूझबूझ से उसकी जान बच गई। मामला रेलवे जंक्शन से करीब 2 किमी दूर रामबाग परिसर की रहने वाली 54 वर्षीय सुमंगला वाघ से जुड़ा है। घर में झगड़े के बाद वे गुस्सा होकर बाहर निकल आई थीं। वे ऐसे ही भटक रही थीं। कभी यहां, तो कभी वहां। इस बीच वे सुसाइड के इरादे से रेलवे ट्रैक पर जा पहुंचीं। वे ट्रेन का इंतजार करने लगीं। जैसे ही पुष्पक एक्सप्रेस के गुजरने का टाइम हुआ, वे पटरी पर लेट गईं। लेकिन मौत बगल से गुजर गई। यह मामला 30 अगस्त सुबह करीब 9.20 का है। लेकिन यह अब वायरल हुआ है।
जब सुमंगला पटरी पर घूम रही थीं, तब उन्हें देखकर वहां मौजूद कांस्टेबल जीतेंद्र यादव का माथा ठनका। जीतेंद्र ने एक-दो बार जोर से आवाज लगाकर महिला को पटरी से दूर हटने को कहा। लेकिन महिला ने उनकी बात अनसुनी कर दी। इसी बीच ट्रेन आते देख जीतेंद्र ने अपने साथी छोटेलाल और गाड़ी के ड्राइवर को आवाज देकर पटरी की तरफ दौड़ लगा दी। इससे पहले कि ट्रेन करीब आती, उन्होंने महिला को बाहर खींच लिया। 32 वर्षीय जीतेंद्र मूलत: यूपी के रहने वाले हैं। उनकी इस बहादुरी को अफसरों ने भी सराहा है।
यहां भी मौत कुछ नहीं बिगाड़ सकी
यह मामला दो साल पुराना है, लेकिन घटना मिलती-जुलती। यूपी के भदोही के गोपीगंज स्थित ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन पर संजू देवी ट्रेन से कटने जा पहुंचीं। उस वक्त वहां से इलाहाबाद-वाराणसी पैंसेजर के गुजरने का वक्त हुआ था। जैसे ही ट्रेन आई...महिला ने पटरी की ओर दौड़ लगा दी। हालांकि इससे पहले ही वहां ड्यूटी कर रहे जीआरपी के शंभूनाथ गुप्ता और कृष्ण मुरारी ने उसे पकड़कर दूर खींच लिया। महिला अपने पति से लड़कर मरने आई थी।