इससे पहले कि आप हाथ मलते रह जाएं, कायदे से सीख लीजिए प्यार के तौर-तरीके

कहते हैं कि लड़कियों का दिल जीतना किसी पहाड़ पर चढ़ने से कम नहीं होता। आखिर ऐसी कौन से तौर-तरीके हैं, जिनसे लड़कियां प्रभावित होती हैं? मुंबई में 22 सितंबर को होने जा रही एक ट्रेनिंग में यही सब सिखाया-बताया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Sep 16, 2019 12:06 PM IST

मुंबई. पारसी समुदाय की घटती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश में सिर्फ 57,264 पारसी बचे हैं। जबकि यही संख्या 1941 में 1.14 लाख थी। यानी पारसियों की संख्या बढ़ने के बजाय घटकर आधी रह गई। अशंका है कि अगर ग्राफ इसी तरह नीचे गिरता रहा तो 2021 में पारसी सिर्फ 58,000 बचेंगे। जबकि उस समय भारत की आबादी 120 करोड़ होगी।

पारसियों की संख्या को बढ़ावा देने महाराष्ट्र सरकार ने 'जियो पारसी' स्कीम चला रखी है। इसी स्कीम के तहत 22 सितंबर को मुंबई के आरटीआई हॉल में एक अनूठा आयोजन रखा गया है। इसमें 18-45 साल तक के अविवाहित पारसी युवकों को लड़कियों का दिल जीतने और शादी के लिए प्रपोज करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस आयोजन की बागडोर पारसी समुदाय की जानीमानी हस्तियां संभालेंगी।

यह आयोजन 'जामे-जमशेद' नाम के पारसी अखबार और 'जिओ पारसी' फाउंडेशन के बैनर तले हो रहा है। इसमें विवाह योग्य युवक-युवतियों की लिस्ट भी तैयार की जाएगी। हालांकि यह आयोजन अन्य समाज की तरह होने वाले परिचय सम्मेलन की ही तरह है, लेकिन इसमें लड़कियों का दिल जीतने की ट्रेनिंग एकदम नया आइडिया है।

आयोजन से जुड़े डेंटिस्‍ट डॉ. अशदिन टर्नर दो टूक कहते हैं कि पारसी लड़कों को मां के पल्लू से बंधा रहना अब ठीक नहीं। अब उन्हें डेटिंग, प्यार, शादी आदि के बारे में भी सोचना होगा। दरअसल, पारसी में लड़कों के मुकाबले लड़कियां अधिक पढ़ी-लिखी होती हैं। ऐसे में उन्हें सुयोग वर नहीं मिल पाते। डॉ. टर्नर कहते हैं कि इससे पहले कि पारसी लड़कियां दूसरे समुदाय में शादी कर लें, क्यों न उनका दिल जीता जाए।

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