कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली घेरकर बैठे किसानों ने देश में जनक्रांति की एक नई कहानी पेश की है। ऐसा ही एक सफल आंदोलन सरदार पटेल ने मुंबई सरकार के खिलाफ किया था। 12 फरवरी, 1928 को महात्मा गांधी के आह्वान पर बारदोली सत्याग्रह हुआ था। बढ़े हुए लगान के खिलाफ किसानों ने यह आंदोलन किया था।
मुंबई. कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन ने देश में जनआंदोलन की एक नई कहानी रची है। आजादी के बाद किसानों का ऐसा पहला आंदोलन देखने को मिला, जिसे सरकार को हिला दिया। इस आंदोलन ने गुजरात के बारदोली आंदोलन की याद दिला दी। यह आंदोलन मुंबई सरकार(अंग्रेज सरकार) के खिलाफ किया गया था। 12 फरवरी 1928 को महात्मा गांधी के आह्वान पर 'बारदोली सत्याग्रह' किया गया था।
जानिए क्या था यह आंदोलन...
पहले जानें दिल्ली में किसानों के आंदोलन की बारदोली सत्याग्रह से क्यों तुलना की जा रही है? हाल में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्वीट करके कहा था कि बारदोली सत्याग्रह केवल किसान एकता का प्रतीक नहीं था, बल्कि यह हिंदू-मुस्लिम एकता को नए पैमाने पर स्थापित करने का आंदोलन था। दरअसल, उनका आशय दिल्ली आंदोलन के दौरान दिखी एकता का बताना था।
अब बता दें कि बारदोली सत्याग्रह लगान में अचानक 30 फीसदी बढ़ोतरी के खिलाफ किया गया था। इसके विरोध में बारदोली में किसानों की एक विशाल सभा आयोजित की गई थी। किसानों ने दो टूक कह दिया था कि बढ़ा हुआ लगान किसी कीमत पर नहीं दिया जाएगा। सरदार वल्लभ भाई पटेल इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। आखिरकार मुंबई सरकार को झुकना पड़ा। ऐसा ही दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान देखने को मिल रहा है।
(मौजूदा किसान आंदोलन की एक तस्वीर)
यह भी पढ़ें
दुनिया भर में बसे पंजाबी कर रहे किसान आंदोलन का समर्थन, सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा कैंपेन