लॉकडाउन में खुले में नमाज पढ़ने वाले जाहिल नहीं तो और क्या? अब यहां भी पकड़े गए 70 लोग

बतादें की सरकार ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए धार्मिक स्थानों पर भीड़ पर इक्कठी न हो इसके लिए पाबंदी लगा दी है। लेकिन तस्वीर सीधे इसके उलट है। पहले जहां दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज का मामला समाने आया उसके बाद अब सोलापुर नमाज का।


सोलापुर. सरकार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बोल बोल कर थक गई है । लेकिन कुछ लोग इस चीज को नहीं समझ पा रहे हैं। या समझ भी रहे हैं तो अपने जाहिलियत की ऐसी तस्वीर पेश कर रहे है जिससे वे अपनी जान को तो खतरे में डाल ही रहे हैं। साथ ही दूसरों की भी खतरे में डालने पर उतारू हैं। शुक्रवार को महाराष्ट्र के सोलापुर में ऐसे ही 70 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। ये सभी लोग लॉकडाउन का उल्लंघन कर नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए थे।
 

धार्मिक स्थानों पर भीड़ जुटाने को लेकर है पाबंदी

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बतादें की सरकार ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए धार्मिक स्थानों पर भीड़ पर इक्कठी न हो इसके लिए पाबंदी लगा दी है। लेकिन तस्वीर सीधे इसके उलट है। पहले जहां दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज का मामला समाने आया उसके बाद अब सोलापुर नमाज का।
जहां भवानी पेठ में चिराग अली मस्जिद में सामूहिक नमाज पठने के लिए लोग इक्कठा हुए थे। अब पुलिस ने इन सब को लॉकडाउन को उल्लंघन करने के मामले में हिरासत में ले लिया है। पुरे मामले पर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हमने मस्जिद से जुड़े लोगों से अपील की थी कि वे लोगों को इकठ्ठा न होने दें। इसके बावजूद लोग इक्ठ्ठा हुए। अब हमने सब को हिरासत में ले लिया है और इनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सोलापुर के साथ ही धुले में भी नमाज पढ़ने के लिए इक्ठा हुए 36 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। यहां सभी लोग ख्वाजाजी छडी मस्जिद इलाके में इकट्ठा हुए थे।

वसई में भी आयोजित होने वाला था दिल्ली के निजामुद्दीन जैसा कार्यक्रम

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में जैसे लोग इकट्ठा हुए थे वैसा ही कुछ मुम्बई से सटे पश्चिमी वसई में भी धार्मिक आयोजन की तैयारी थी। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने सक्रियता दिखाते हिए मार्च में होने वाले आयोजन को समय रहते रद्द करवा दिया था। सरकार ने पहले इस आयोजन के लिए अनुमति दी थी । लेकिन महाराष्ट्र में जैसे जैसे संक्रमण के मामले बढ़ने लगे सरकार ने एहतिआतन तौर पर दिए गए नर्देश को रद्द कर दिया। सरकार ने अपने बयान में कहा है कि शमीम शिक्षा और समाज कल्याण नाम के संगठन ने पश्चिमी वसई के दिवानमन गांव में 14-15 मार्च को तबलीगी इज्तिमा आयोजित करने की अनुमति मांगी थी। जिसमें करीब 50 हजार लोगों  के इक्कठे होने की संभावना थी।

(प्रतीकात्मक फोटो)

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