शिद्दत से ड्यूटी करते हुए संक्रमण' फैलाती चली गई यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता..अब मिली गुड न्यूज

चौंकाने वाला यह मामला महाराष्ट्र के पुणे का है। यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूरी शिद्दत से अपनी ड्यूटी निभा रही थी। लेकिन उसे नहीं मालूम था कि वो लोगों को संक्रमित करती जा रही है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 2, 2020 11:32 AM IST / Updated: Apr 02 2020, 05:06 PM IST

पुणे, महाराष्ट्र. चौंकाने वाला यह मामला महाराष्ट्र के पुणे का है। यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूरी शिद्दत से अपनी ड्यूटी निभा रही थी। लेकिन उसे नहीं मालूम था कि वो लोगों को संक्रमित करती जा रही है। हालांकि अब वो ठीक हो रही है। महिला ने कहा कि उसका पति और बहन कहते थे कि सकारात्मक रहो, तो सब अच्छा होगा। आशंका है कि कोरोना मरीजों की स्क्रीनिंग के दौरान वो खुद भी संक्रमित हो गई। लेकिन इसका पता उसे 14 मार्च को तब चला, जब उसकी तबीयत बिगड़ी। मामला सामने आते ही हड़कंप मच गया। इसके बाद यह कार्यकर्ता जिन 28 गांवों में गई थी, उन सबको क्वारेंटाइन कर दिया गया। अब 12 दिन तक वेंटिलेटर पर जिंदगी-मौत से जूझने के बाद घर लौटी आंगनबाड़ी कायकर्ता ने बताई आपबीती...

उसे अंदाजा नहीं था कि वो संक्रमित हो चुकी है...
इस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिये उसके पूरे परिवार को संक्रमण हो गया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कहा कि वो तो पूरी शिद्दत से अपनी ड्यूटी कर रही थी। उसे नहीं मालूम था कि वो खुद संक्रमण फैला रही है। माना जा रहा है कि कोरोना मरीजों की स्क्रीनिंग के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संक्रमित हुई होगी। यानी यह थर्ड स्टेज की संक्रमित है। 

पहले से है दमे की रोगी..
यह महिला पहले से ही दमे की रोगी है। जब उसकी तबीयत बिगड़ी, तो उसने फैमिली डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टरों को लगा कि दमे के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही होगी। इस बीच, महिला अपनी ड्यूटी भी करती रही। 14 मार्च जब उसकी तबीयत अधिक खराब हुई, तब एक्सरे कराया गया। मालूम चला कि उसे निमोनिया हो गया है। 16 मार्च को उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। यहां उसका कोरोना का टेस्ट कराया गया। 19 मार्च को कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकला। इसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और उन सभी 28 गांवों को क्वारेंटाइन कर दिया गया, जहां यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गई थी। इस महिला से उसके 17 साल के बेटे को भी कोरोना हो गया था। अभी महिला की पहली कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है।

महिला का इलाज कर रहे डॉ. शिवकुमार अय्यर ने बताया कि महिला के ठीक होने में उसके परिजनों का सकारात्मक बर्ताव सबसे ज्यादा काम आया।

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