शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने चुनाव आयोग को दिए लिस्ट में पार्टी के चुनाव चिह्न के रूप में त्रिशूल को पहली और उगता हुआ सूरज को दूसरी पसंद बताया है। इसी तरह पार्टी के नाम के लिए 'शिवसेना बालासाहेब ठाकरे' पहली और 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे'दूसरी पसंद बताया गया है।
मुंबई। शिवसेना के दो गुटों की लड़ाई में चुनाव आयोग (Election Commission) ने पार्टी का सिंबल फ्रीज कर दिया है। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग को शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने मुंबई के अंधेरी पूर्व में आगामी उपचुनाव के लिए तीन नामों और चुनाव चिह्न की लिस्ट दी है।
उद्धव ठाकरे गुट के लिए पार्टी का नाम 'शिवसेना बालासाहेब ठाकरे' पहली और 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे'दूसरी पसंद हैं। वहीं, चुनाव चिह्न के रूप में त्रिशूल को पहली और उगते सूरज को दूसरी पसंद बताया गया है। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों की बैठक आज हो रही है। दोनों गुटों को 10 अक्टूबर तक अपने पसंद के तीन नाम और चुनाव चिह्न की लिस्ट चुनाव आयोग को देनी है।
शिवसेना को 1989 में मिला था धनुष और बाण
1989 में शिवसेना को अपना चुनाव चिह्न धनुष और बाण मिला था। इससे पहले पार्टी ने तलवार और ढाल, नारियल के पेड़, रेलवे इंजन और कप व प्लेट जैसे विभिन्न चिह्नों पर चुनाव लड़ा था। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों के बीच विवाद के बाद चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना के नाम और उसके 'धनुष और तीर' के चिह्न पर रोक लगा दी थी। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से तीन नामों और चुनाव चिह्न की लिस्ट देने को कहा था। चुनाव आयोग दोनों गुट को नया नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करेगा।
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शिवसेना में टूट के बाद उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट खुद को असली शिवसेना और दूसरे को फर्जी बता रहे हैं। चुनाव आयोग से शिवसेना के शिंदे गुट ने चुनाव चिह्न 'धनुष और तीर' की मांग की थी। शिंदे गुट ने खुद को असली शिवसेना होने का दावा किया है। शिंदे गुट का कहना था कि राज्य के अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होना है। ऐसे में उसे चुनाव चिह्न आवंटित किया जाए ताकि वह अपना प्रत्याशी उतार सकें।
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