उद्धव बोले: आईए नए सिरे से बनाते हैं शिवसेना, जिनको लगता बागियों के साथ संभावना वह जा सकते

Published : Jun 24, 2022, 07:54 PM IST
उद्धव बोले: आईए नए सिरे से बनाते हैं शिवसेना, जिनको लगता बागियों के साथ संभावना वह जा सकते

सार

Uddhav Thackeray to Shiv Sena workers आप पेड़ के फल और फूल तोड़ लेते हैं लेकिन जब तक जड़ें (रैंक और फ़ाइल) मजबूत हैं, मुझे चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। जड़ें कभी नहीं उखड़ सकतीं। हर मौसम में, नए पत्ते और फल खिलते हैं। रोग से पीड़ित पत्तियों को हटाने और फेंकने की जरूरत है।  

Maharashtra Political Crisis: शिवसेना चीफ व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कई दिनों तक बागियों के साथ मानमनौव्वल के बाद कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपनी सरकार को राजनीतिक संकट से उबारने के लिए दृढ़ता के साथ लड़ने का ऐलान किया। बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनका बेटा लोकसभा सांसद है और क्या उनके बेटे आदित्य ठाकरे को भी राजनीतिक रूप से विकसित नहीं होना चाहिए। शिंदे को मेरे बेटे के साथ क्या लड़ाई या दुश्मनी है।

जो विभाग मुख्यमंत्री रखता है वह दिया शिंदे को...

उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिंदे को वह विभाग दिया जो आमतौर पर मुख्यमंत्री अपने पास ही रखता है। शिंदे को शहरी विकास का प्रमुख विभाग दिया गया था, जिसका नेतृत्व आमतौर पर उस समय के मुख्यमंत्री करते हैं। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी इस पूरी साजिश के पीछे है। वह ही शिवसेना में विद्रोह करा रही है। बीजेपी, सरकार को अस्थिर करना चाहती है और महाअघाड़ी गठबंधन तोड़वाना चाहती है जिसमें एनसीपी और कांग्रेस भी शामिल हैं।

दलबदलू, किसी पेड़ में लगे बीमार फल की तरह

शिवसेना के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह विधायकों के दलबदल से चिंतित नहीं हैं। शिवसेना रूपी पेड़ के बागी वह फूल या फल हैं जो बीमारी से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी पेड़ की जड़ें जबतक मजबूत हैं तबतक वह सुरक्षित है। आप पेड़ के फल और फूल तोड़ लेते हैं लेकिन जब तक जड़ें (रैंक और फ़ाइल) मजबूत हैं, मुझे चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। जड़ें कभी नहीं उखड़ सकतीं। हर मौसम में, नए पत्ते और फल खिलते हैं। रोग से पीड़ित पत्तियों को हटाने और फेंकने की जरूरत है।

सीएम आवास से बाहर भले ही निकले हैं लेकिन लड़ेंगे

उन्होंने कहा कि वह भले ही मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास से बाहर चले गए हों, लेकिन संकट से लड़ने का उनका दृढ़ संकल्प बरकरार है। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री के आधिकारिक बंगले (वर्षा) को छोड़कर प्रलोभन छोड़ दिया है, लेकिन लड़ने का मेरा दृढ़ संकल्प बरकरार है। उन्होंने कहा कि वह सत्ता के पीछे नहीं भागेंगे।

उनके बेटे को राजनीति करने का अधिकार लेकिन मेरे बेटे को क्यों नहीं

ठाकरे ने कहा कि आप (शिंदे)किस तरह के शिवसैनिक हैं? क्या आप भाजपा की यूज एंड थ्रो नीति और मातोश्री (उपनगरीय बांद्रा में ठाकरे के निजी आवास) के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने से आहत महसूस नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि शहरी विकास विभाग, जो वर्तमान में शिंदे के पास है, हमेशा मुख्यमंत्री के पास रहा है। आपका बेटा (श्रीकांत शिंदे) सांसद हो सकता है, क्या आदित्य को राजनीतिक रूप से विकसित नहीं होना चाहिए? बता दें कि श्रीकांत शिंदे कल्याण से लोकसभा सांसद हैं, जबकि सीएम के बेटे आदित्य ठाकरे राज्य के कैबिनेट मंत्री हैं, जिनके पास पर्यावरण और पर्यटन विभाग हैं।

ठाकरे का नाम अपनी राजनीति से अलग कर देख लें

असम में बागी विधायकों के साथ डेरा डाले हुए शिंदे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे की मृत्यु (2012 में) के बाद उन्हें दो बार मंत्री बनाया गया था। हम दो बार सत्ता में थे (2012 के बाद)। उन्हें ऐसे विभाग दिए गए जो हैं आम तौर पर मुख्यमंत्री खुद रखते हैं। शिंदे को ठाकरे का नाम अपनी राजनीति से बाहर रखना चाहिए और देखना चाहिए कि क्या आप जीवित रह सकते हैं। कोई भी ठाकरे को शिवसेना से अलग नहीं कर सकता है।

आईए बनाते हैं नई शिवसेना

पार्टी को कई बार चुनावी हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन जीत या हार किसी की मनःस्थिति पर निर्भर करती है, उन्होंने कहा कि आइए मान लें कि हमारे साथ कोई नहीं है। हमें एक नई शिवसेना बनानी है। उन्होंने कहा कि मान लीजिए कि हम नए सिरे से शुरुआत कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि आपके पास विद्रोहियों के साथ जाने की बेहतर संभावनाएं हैं तो आप जा सकते हैं। मैं आपको नहीं रोकूंगा। गुवाहाटी में (विद्रोही) विधायक (शिविर) कैदी हैं। हमें यह देखना होगा कि हम कैसे कर सकते हैं उन्हें वापस लाओ।

ठाकरे ने शिवसेना अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने की पेशकश की अगर शिवसैनिकों को लगता है कि वह संगठन चलाने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि मैं आपको ब्लैकमेल नहीं कर रहा हूं। अगर आपको लगता है कि मैं पार्टी चलाने में अक्षम हूं, तो मैं (शिवसेना अध्यक्ष के रूप में) छोड़ने के लिए तैयार हूं। मुख्यमंत्री का पद मेरे लिए अप्रासंगिक है। सीएम ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के लिए पार्टी उनसे(उद्धव ठाकरे) ज्यादा प्यारी है। उन्होंने कहा, 'अगर मैं पार्टी चलाने में असमर्थ होता तो बालासाहेब भी मुझे माफ नहीं करते।'

यह भी पढ़ें:

शिवसेना का असली वारिस कौन? अब उद्धव व शिंदे की लीगल टीमें भी महासंग्राम में उतरीं

नितिन देशमुख ने शिंदे गुट पर लगाया जबरिया साथ रखने का आरोप, वायरल फोटो कुछ और कहानीं बयां कर रही

राष्ट्रपति चुनावों में वोटिंग से वंचित रह चुके हैं ये राज्य, जानिए पूरा इतिहास

President Election 2022: द्रौपदी मुर्मु होंगी NDA की प्रत्याशी, यशवंत सिन्हा को विपक्ष ने बनाया है कैंडिडेट

 

PREV

मुंबई-पुणे से लेकर पूरे महाराष्ट्र की राजनीति, बिज़नेस गतिविधियाँ, बॉलीवुड अपडेट्स और लोकल घटनाओं पर हर पल की खबरें पढ़ें। राज्य की सबसे विश्वसनीय कवरेज के लिए Maharashtra News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — केवल Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

Mumbai Crime: बेटी पर बरपा बेरोजगार पिता का कहर, बचाने दौड़ी मां को भी नहीं छोड़ा
TCS ने पुणे ऑफिस से 365 को निकाला, लेबर कमिश्नर के पास पहुंच गए कर्मचारी