अपनों के बगावत के चलते कमलनाथ और कुमारस्वामी की गई थी कुर्सी, अब संकट में उद्धव ठाकरे की सरकार

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। यह पहली बार नहीं है कि पार्टी में टूट का असर सीएम की कुर्सी पर पड़ता दिख रहा है। मध्य प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक कई ऐसी घटनाएं हुईं हैं, जिसमें पार्टी में टूट के चलते सत्ता चली गई।

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। उनकी अपनी पार्टी शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बगावत कर दिया है। वह शिवसेना के 14 और 10 निर्दलीय विधायकों के साथ गुजरात चले गए हैं। यह पहली बार नहीं है कि पार्टी में टूट का असर सीएम की कुर्सी पर पड़ता दिख रहा है। मध्य प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक कई ऐसी घटनाएं हुईं हैं, जिसमें पार्टी में टूट के चलते सत्ता चली गई। 

चली गई थी कमलनाथ की कुर्सी
दो साल पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता कमलनाथ की सीएम की कुर्सी दल बदल के चलते ही चली गई थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में 22 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। कमलनाथ ने कुर्सी बचाने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन सदन में संख्या बल उनके पक्ष में नहीं हो सका। इसके चलते फ्लोर टेस्ट से पहले ही 20 मार्च 2020 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बीजेपी की सरकार बनी और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर सीएम बन गए थे।

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कर्नाटक में गिर गई थी कुमारस्वामी की सरकार 
जुलाई 2019 में बगावत के चलते ही कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिर गई थी। गठबंधन के 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही दो निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। बात विश्वास मत पर मतदान तक पहुंची थी। गठबंधन सरकार के पक्ष में 99 और विरोध में 105 वोट पड़े थे। इसके चलते कुमारस्वामी को इस्तीफा देना पड़ा और राज्य में बीजेपी की सरकार बनी।

जीतन राम मांझी ने किया था पार्टी से बगावत
2015 में बिहार में बगावत की अलग तस्वीर नजर आई थी। यहां मुख्यमंत्री से पार्टी के कुछ विधायकों ने बगावत नहीं किया था। इसके उलट मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने कुछ समर्थक विधायकों को साथ लेकर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दिया था। बात विश्वास मत पर मतदान तक पहुंच गई थी। अपनी सदस्यता खोने के डर से मांझी को सपोर्ट कर रहे विधायक पीछे हट गए थे, जिसके बाद मांझी को इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में उन्होंने हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा नाम की अपनी पार्टी बना ली थी। मांझी के इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार सीएम बने थे।

गोवा में कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक हो गए थे बागी
गोवा में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 15 विधायक चुनकर आए थे। 2019 में गोवा कांग्रेस के 15 में से 10 विधायकों ने बगावत कर दिया था। सभी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके साथ ही बीजेपी के विधायकों की संख्या 27 हो गई थी। गोवा में विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या 40 है।

उत्तराखंड में हरीश रावत के खिलाफ हुआ था बगावत
2016 में उत्तराखंड में कांग्रेस नेता हरीश रावत की सरकार के खिलाफ उनकी अपनी ही पार्टी के विधायकों ने बगावत कर दिया था। 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 36 विधायकों में से 11 ने बगावत कर दिया था। उस समय बीजेपी के पास 28 विधायक थे। बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन बहुमत नहीं पा सकी। इसके चलते राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। बाद में हरीश रावत फिर से सीएम बने थे।

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