महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। ठाणे नगर निगम में शिवसेना के 67 पार्षद हैं। इनमें से 66 ने एकनाथ शिंदे का कैंप ज्वाइन कर लिया है। पार्टी के 18 में से 12 सांसदों के जल्द ही शिंदे गुट में शामिल होने का दावा किया जा रहा है।
मुंबई। पार्टी (शिवसेना) में बगावत के चलते सीएम की कुर्सी छिन जाने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) अपनी पार्टी बचाने की कोशिश में हैं। इस बीच उन्हें ठाणे नगर निगम से बड़ा झटका लगा है। शिवसेना के 66 पार्षदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कैंप ज्वाइन कर लिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी बागी पार्षदों ने एकनाथ शिंदे से उनके आवास पर बुधवार देर रात मुलाकात की है। ठाणे नगर निगम में शिवसेना के 67 पार्षद हैं। इनमें से 66 पार्षदों की बगावत के साथ ही उद्धव ने ठाणे नगर निगम पर से नियंत्रण खो दिया है। महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई नगर निगम के बाद ठाणे नगर निगम दूसरा सबसे महत्वपूर्ण नगर निगम है।
बगावत के चलते गई थी उद्धव की कुर्सी
बता दें कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 55 में से 39 विधायकों ने बगावत कर दिया था। बागी विधायक पहले सूरत फिर गुवाहाटी फिर गोवा गए। राज्यपाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया था। शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन वहां से राहत नहीं मिली। इसके बाद 29 जून को उद्धव ठाकरे ने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था।
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शिंदे गुट में शामिल होंगे 12 सांसद
बीजेपी के समर्थन से 30 जून को महाराष्ट्र में नई सरकार बनी और एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने। उन्हें शिवसेना के 40 बागी विधायकों और निर्दलीय विधायकों का सपोर्ट मिला। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों शिवसेना पार्टी पर दावा कर रहे हैं। दोनों गुट का कहना है कि असली शिवसेना उनकी है। शिवसेना के बागी विधायक गुलाबराव पाटिल ने दावा किया है कि शिवसेना के 18 में से 12 सांसद जल्द ही शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े में शामिल हो जाएंगे।
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