सार

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य में सत्ता परिवर्तन के खेल का मुख्य कलाकार देवेंद्र फडणवीस को बताया है। उन्होंने कहा कि रात में जब उनके साथी विधायक सो जाते थे तब वह फडणवीस से मिलने जाते थे और सुबह विधायकों की नींद खुलने से पहले लौट आते थे। 
 

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) द्वारा सदन में बहुमत साबित करने के बाद राज्य में चल रहा राजनीतिक संकट खत्म हो गया है। इसके साथ ही उस राज पर से भी पर्दा उठ गया है कि कैसे शिवसेना के  55 में से 39 विधायक बागी हो गए और उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी से उतार दिया। यह भी साफ हो गया है कि इस पूरे खेल में भाजपा सक्रिय रूप से शामिल थी। 

एकनाथ शिंदे ने पूरी कहानी बयां की है। उन्होंने कहा कि वह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से रात को चोरी छिपे मिलते थे। शिवसेना के साथी विधायक होटल के आरामदायक कमरे में सो जाते तब वह फडणवीस से मिलने जाते और सुबह उनकी नींद टूटने से पहले होटल लौट आते थे। 

फडणवीस के साथ हुई गुप्त मुलाकातें
एकनाथ शिंदे ने बताया कि उनके साथी विधायक गुवाहाटी के लग्जरी होटल में पिछले महीने ठहरे हुए थे। इसी दौरान देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी गुप्त मुलाकातें हुईं। एकनाथ शिंदे ने कहा कि भाजपा से शिवसेना के विधायकों की संख्या कम है, इसके बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमे आशीर्वाद दिया है। शपथ ग्रहण से पहले प्रधानमंत्री ने मुझसे कहा था कि वह मेरी हर संभव मदद करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि वह उनके पीछे चट्टान की तरह खड़े रहेंगे। 

फडणवीस की ओर इशारा करते हुए शिंदे ने कहा कि असली कलाकार तो यह थे। जब शिवसेना के मेरे साथी विधायक सो जाते थे तब हमलोग मिलते थे। उनके जगने से पहले मैं लौट आता था। इन्होंने ही सब कुछ व्यवस्थित किया था। कोई नहीं जान पाया कि इन्होंने कब क्या किया। हालांकि रहस्य खुलने के चलते फडणवीस इस दौरान थोड़े शर्मिंदा दिखे। 

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शिवसेना के 39 विधायकों ने किया था बगावत
बता दें कि शिवसेना के 55 में से 39 विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत कर दिया था। शिवसेना के बागी विधायक पहले सूरत फिर गोवाहाटी फिर गोवा गए थे। विधायक सबसे अधिक दिनों तक गुवाहाटी में रुके थे। राज्यपाल ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन राहत नहीं मिली। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था। 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया था।

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