सांप्रदायिक दंगे भड़काने वाले संगठन से मिले उद्धव ठाकरे, सोशल मीडिया पर इस तरह हुए ट्रोल

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को महाराष्ट्र के कई मुस्लिम संगठन के नेताओं से मुलाकात की। इन संगठनों में रजा एकेडमी का नाम भी शामिल था। रजा एकेडमी सांप्रदायिक दंगे भड़काने के बाद चर्चा में आया था। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 23, 2020 1:03 PM IST

मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को महाराष्ट्र के कई मुस्लिम संगठन के नेताओं से मुलाकात की। इन संगठनों में रजा एकेडमी का नाम भी शामिल था। रजा एकेडमी सांप्रदायिक दंगे भड़काने के बाद चर्चा में आया था। इसी संगठन के कार्यकर्ताओं ने साल 2011 में आजाद मैदान में दंगे भड़काए थे और अमर जवान ज्योति को नुकसान पहुंचाया था। उद्धव ठाकरे ने इस मुलाकात में मुसलमानों के बीच CAA और NRC को लेकर फैले भय को दूर किया। 

साउथ मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात में मुस्लिम संगठनों ने CAA और NRC के खिलाफ अपने विरोध को जाहिर किया।  रजा एकेडमी ने लिखित में अपना ज्ञापन सौंपा और सरकार से केन्द्र के इस निर्णय का विरोध करने की अपील की। हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र सरकार नागरिकता कानून का विरोध नहीं करेगी। संगठन के नेता उन्हें यह समझाने में लगे रहे कि महाराष्ट्र सरकार को पंजाब और केरल सरकार की तरह CAA के खिलाफ कानून पारित करना चाहिए। 

इस मुलाकात में शामिल होने वाले जामिया कदारिया अशरफिया के नेता शैयद मोईनुद्दीन अशरफ ने कहा कि महा विकास अघाड़ी  के नेता ने उन्हें आश्वासन दिया है कि मुंबई शहर हर जाति, समुदाय और धर्म के लोगों का है और सभी लोगों का इस शहर पर बराबर का अधिकार है। हालांकि, कई लोगों का मानना था कि उद्धव को ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं थी। इन लोगों का मानना था कि जिस संगठन ने सांप्रदायिक दंगे भड़काए हों उनके साथ शिवसेना प्रमुख को मुलाकात नहीं करनी थी। 

2011 में किया था शहीदों का अपमान 
रजा एकेडमी ने साल 2011 में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, जिसने आगे चलकर सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया था। इस प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों ने प्रतिष्ठित अमर जवान स्मारक को नुकसान पहुंचाया था। इन दंगों में 3 करोड़ की सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा था। दंगों के बाद खबरें आई थी कि इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रदर्शनकारियों को बाहर से बुलाया गया था। जिस जगह पर प्रदर्शन हुए थे वहां से कई बांग्लादेशी नागरिकों के पासपोर्ट भी बरामद हुए थे।   

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