
मुंबई. उज्बेकिस्तान की महिला से आठ साल तक दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार एक पुलिस अधिकारी को बुधवार को यहां एक स्थानीय अदालत ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। निलंबित चल रहे पुलिस निरीक्षक भानुदास उर्फ अनिल जाधव ने सत्र न्यायाधीश के एस होरे की अदालत में अग्रिम या गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका दायर की थी।
अगली सुनवाई में होगा फैसला
पीड़ित 35 वर्षीय उज्बेक महिला ने भी अपने वकील नितिन सतपुते के जरिये हस्तक्षेप की अर्जी दायर की है कि जमानत याचिका पर फैसला लेने से पहले उसका पक्ष भी सुना जाए। अपनी अर्जी में महिला ने जमानत का विरोध किया है। अदालत ने जाधव को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए महिला की अर्जी स्वीकार कर मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को तय की।
कई बार प्रेग्नेंट हुई विदेशी महिला
जानकारी के मुताबिक विदेशी महिला साल 2004 में उजबेकिस्तान से भारत रहने आई थी। पीड़ता ने अपनी शिकायत में पुलिस और वकील को बताया कि आरोपी ने उसको पासपोर्ट में फर्जीवाड़े की धमकी देकर कई सालों तक रेप करता रहा। एक दिन उसने मुझको मिलने के लिए होटल में बुलाया और कुछ नशीली दवा देकर मेरा बलात्कार किया। जब मैं प्रेग्नेंट हुई तो उसने जबरदस्ती गर्भपात भी कर दिया। जब मैं तीसरी बार गर्भवती हुई तो मैंने इसकी शिकायत पुलिस में की फिर उसने शादी कर ली। बच्चे होने के बाद वह मुझसे कहने लगा अगर किसी को बताया तो बच्चों और तुझको जान से मार देगा।
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