परेड की लंबाई घटने से लेकर महिला पायलट भावना कंठ तक...10 बड़े बदलाव, जो राजपथ पर पहली बार होंगे

देश 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस बार कोरोना की वजह से राजपथ पर पहली बार बहुत कुछ नया होगा। पहली बार परेड करने वाले सैन्य टुकड़ियों की संख्या कम की गई है। परेड की लंबाई 8.2 किलोमीटर से घटनाकर 3.3 किलोमीटर की गई है। आइए जानते हैं ऐसे ही इस बार 10 बड़े बदलाव, जो राजपथ पर पहली बार होंगे।

नई दिल्ली. देश 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस बार कोरोना की वजह से राजपथ पर पहली बार बहुत कुछ नया होगा। पहली बार परेड करने वाले सैन्य टुकड़ियों की संख्या कम की गई है। परेड की लंबाई 8.2 किलोमीटर से घटनाकर 3.3 किलोमीटर की गई है।  इस बार परेड विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक ही जाएगी। जबकि हर साल गणतंत्र दिवस परेड राजपथ से लालकिले तक जाती थी। आइए जानते हैं ऐसे ही इस बार 10 बड़े बदलाव, जो राजपथ पर पहली बार होंगे।

पहली बार होने वाले 10 बड़े बदलाव

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1- गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत बांग्लादेशी सशस्त्र बलों के 122 सदस्यीय दल के साथ होगी, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल मोहसिम हैदर चौधरी करेंगे। टुकड़ी की पहली छह पंक्तियों में सेना होगी, इसके बाद नौसेना और वायु सेना के जवान होंगे। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश की टुकड़ी पौराणिक मुक्तिजोधों की विरासत को आगे बढ़ाएगी, जिन्होंने 1971 में बांग्लादेश को आजाद कराया था।

2- देश के सशस्त्र बल एक बार फिर से राजपथ पर केंद्र बिंदु में होंगे। तीसरी पीढ़ी के रूसी टी -90 युद्धक टैंक, टी -72 पुल-लेयर टैंक, बीएमपी -2 बख्तरबंद कार्मिक वाहक पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लांचर अपनी ताकत दिखाएंगे। राफेल 26 जनवरी को पहली बार अपनी ताकत दिखाएगा। 

3- देश इतिहास बनते हुए देखेगा जब फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ पहली बार फ्लाईपास्ट में शामिल होंगे। भावना पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने फाइटर जेट में लड़ाकू मिशन के लिए क्वालिफाई किया। कुल 38 वायु सेना और चार सेना के विमान हिस्सा लेंगे। 

4- सेना, नौसेना और वायु सेना के मार्चिंग दल भी होंगे, लेकिन कोरोना की वजह से उनकी संख्या कम होगी। थल सेना और नौसेना के पास केवल 96 (144 के बजाय) (प्रत्येक के पास) सैनिक होंगे, जबकि वायु सेना में 94 होंगे। थल सेना में छह टुकड़ियां होंगी, जबकि नौसेना और वायु सेना के पास एक-एक बैंड और एक-एक टुकड़ी होगी। 

5- भारतीय नौसेना की झांकी में INS विक्रांत और नौसेना के संचालन के मॉडल दिखाए जाएंगे जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान किए गए थे। 

6- कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत सभी सेना के सैनिकों को बायो बबल में रखा गया है। अन्य कोविड सावधानियों में 1.15 लाख के बजाय राजपथ पर 25,000 लोग ही होंगे। स्कूली बच्चों की संख्या को पिछले साल 600 से घटाकर 160 कर दी गई है।

7- गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनने वाली अन्य झांकी में यूपी का एक व्यक्ति शामिल होगा जो अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के एक मॉडल को पेश करेगा। 

8- ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन मुख्य अतिथि के रूप में जाने वाले थे। हालांकि,  जॉनसन ने कोरोना की वजह से अपनी यात्रा को रद्द कर दिया। पिछले साल ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो मुख्य अतिथि थे। 

9- इस साल की परेड के बाद केंद्र में किसानों का ट्रैक्टर मार्च भी होगा। पिछले हफ्ते केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि रैली से भारी शर्मिंदगी होगी। कोर्ट ने कहा कि यह दिल्ली पुलिस तय करे कि रैली होने देनी है या नहीं। 

10- इस बार दर्शकों को बहुत कुछ नया दिखने वाला है। जवान मास्क पहने नजर आएंगे। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके, इसके लिए परेड में इस बार दस्ते की चौड़ाई भी कम होगी। हर दस्ते में अभी तक 144 लोग मौजूद रहते थे, इस बार यह संख्या 96 होगी।

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