
180 Feet Ravan Effigy: हरियाणा के पंचकूला में इस बार विजयादशमी पर त्रि-नगरीय क्षेत्र का सबसे ऊंचा 180 फीट का रावण का पुतला जलाया जाएगा। इसके साथ ही मेघनाद और कुंभकर्ण के 100 फीट ऊंचे पुतले भी दहन होंगे। इन पुतलों को बनाने वाले कारीगर उस्मान मुहम्मद कुरैशी ने बताया कि इस काम में उनके साथ परिवार के 8 सदस्य और 8 अन्य लोग लगातार मेहनत कर रहे हैं। रावण का पुतला बनाने में करीब 4500 बांस और 2 लाख रुपये का कपड़ा लगा है। इसकी कुल लागत लगभग 18 लाख रुपये आई है।
कारीगरों का कहना है कि वे इस विशालकाय पुतले को बनाकर काफी उत्साहित हैं और अब विजयादशमी के दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जब यह भव्य रावण दहन किया जाएगा। भारत में रावण दहन दशहरा के दिन किया जाता है। यह पर्व आमतौर पर आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को आता है और नवरात्रि के दसवें दिन मनाया जाता है। रावण का पुतला जलाना सीधे तौर पर रामायण की कथा से जुड़ा है। जब भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का युद्ध में वध किया, तो इसे अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक माना गया। इसी कारण हर साल रावण दहन किया जाता है और यह दशहरा उत्सव का सबसे अहम हिस्सा होता है।
यह कोई पहली बार नहीं है कि रावण के पुतले को जलाने के लिए इतनी बड़ी रकम खर्च की जा रही हो। इससे पहले भी देश के अलग-अलग राज्यों में विशालकाय और महंगे रावण के पुतले बनाए जाते रहे हैं। साल 2024 में दिल्ली के द्वारका सेक्टर-10 स्थित रामलीला मैदान में दशहरे पर दुनिया का सबसे बड़ा रावण का पुतला जलाया गया था। इसकी ऊंचाई करीब 211 फीट थी। इस विशाल पुतले को तैयार करने में लगभग चार महीने का समय और करीब 30 लाख रुपये की लागत लगी थी। वहीं, साल 2023 में हरियाणा के पंचकूला में देश का सबसे बड़ा रावण का पुतला जलाया गया था। इस पुतले को बनाने में 18 लाख रुपये खर्च हुए थे। इसे तैयार करने के लिए 25 कारीगरों ने लगातार तीन महीने तक मेहनत की थी।
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