Anti-Sikh Riots: दिल्ली कोर्ट ने जगदीश को टाइटलर को भेजा नोटिस, जानें किस दिन पेशी?

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की हत्या के बाद दिल्ली में 1984 में सिख विरोधी दंगे (Anti-sikh Riots Case) हुए थे। इस मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर आरोपी हैं।

 

Manoj Kumar | Published : Jul 26, 2023 4:34 PM IST / Updated: Jul 26 2023, 10:52 PM IST

Anti-Sikh Riots Case. पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। तब कांग्रेस के नेता जगदीश टाइटलर पर दंगे भड़काने का आरोप लगा था। अब उस मामले में दिल्ली की कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को 5 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का नोटिस भेजा है। उन पर आरोप है कि 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के पुल बंगश एरिया में एक गुरूद्वारे को आग लगा दी गई थी, जिसमें 3 लोगों की मौत हुई थी।

CBI ने दायर की है चार्जशीट

सीबीआई ने 20 मई को मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। दिल्ली की कोर्ट ने अब 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश हत्याकांड के सिलसिले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को 5 अगस्त को तलब किया है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने मामले में आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद आदेश पारित किया। सीबीआई टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है। इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के एक दिन बाद 1 नवंबर, 1984 को दिल्ली के पुल बंगश क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे में आग लगा दी गई थी।

क्या है सिख विरोधी दंगा, जिसमें टाइटलर आरोपी

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उन्हीं के अंगरक्षकों ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। इसके ठीक 1 दिन बाद दिल्ली में सिखों के खिलाफ दंगा फैल गया। आंकड़े बताते हैं कि सिख विरोधी दंगे में करीब 3 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। अकेले सिर्फ दिल्ली में ही 2500 से ज्यादा लोग मारे गए। हालाता यहां तक पहुंचे कि सिखों को अपनी पगड़ी उतारकर अपनी जान बचानी पड़ी थी। यह दंगे दिल्ली ही नहीं यूपी, हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्य भी हिंसा की चपेट में आए थे। दिल्ली में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर पर दंगे भड़काने के गंभीर आरोप लगे। सज्जन कुमार को दोषी ठहराया जा चुका है जबकि टाइटलर पर आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं।

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