भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इसके बावजूद देश ने कोरोना के खिलाफ जंग जारी रखी है। राजस्थान के बाड़मेर में 48 घंटे में दो कोरोना सेंटर बनाकर जंग में नई उम्मीदें पैदा की हैं। ये कोविड सेंटर ऐसे समय पर बनाए गए हैं, जब संक्रमण 2000 गांव तक पहुंच गया है।
जयपुर. भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इसके बावजूद देश ने कोरोना के खिलाफ जंग जारी रखी है। राजस्थान के बाड़मेर में 48 घंटे में दो कोरोना सेंटर बनाकर जंग में नई उम्मीदें पैदा की हैं। ये कोविड सेंटर ऐसे समय पर बनाए गए हैं, जब संक्रमण 2000 गांव तक पहुंच गया है।
दो कोविड सेंटर्स में से तो रेगिस्तान के बीच में पचपद्रा में बना है। 48 घंटे में बने इसे सेंटर में कुल 25 बेड हैं। इन्हें बंकरों में बनाया गया है। वहीं, 2 बेड ऑक्सीजन युक्त भी हैं।
दूसरे कोविड सेंटर में 100 बेड की व्यवस्था
वहीं, दूसरा कोविड सेंटर बाड़मेर के बयातु में बनाया गया है। इसमें 10 बेड हैं। वहीं, 30 में ऑक्सीजन सपोर्ट भी हैं। इस सेंटर में स्थानीय गांव के लोगों को मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
बाड़मेर में 4700 एक्टिव केस
पश्चिमी राजस्थान में पाकिस्तान की सीमा से सटे बाड़मेर के ज्यादातर गांव कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। वर्तमान में, बाड़मेर में 4,700 से अधिक एक्टिव केस हैं और कोरोना के 10,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
बाड़मेर से कांग्रेस विधायक मेवाराम जैन ने 100 बेड के इस कोविड सेंटर को बनाने में मदद की है। उन्होंने कहा, यह सच है कि अस्पतालों में बेड की कमी हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने कॉलेज में 100 बेड का सेंटर बनाना शुरू किया। इसमें 70 मरीज पहले ही भर्ती हो चुके हैं। इसके अलावा हम 100 बेड का एक और अस्पताल बना रहे हैं।