भारत-फ्रांस द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास वरुण-2022(20th edition of Indo-French bilateral naval exercise Varuna-2022) के 20वें संस्करण में का 3 अप्रैल को समापन हुआ। इस सैन्य अभ्यास में दोनों देशों की नेवी ने कई उन्नत तकनीकों के जरिये दुश्मनों को मार भगाने के तौर-तरीके सीखे।
नई दिल्ली. भारतीय नेवी ने एक बार दुनिया को सिखा दिया कि युद्ध में दुश्मनों के छक्के कैसे छुड़ाए जाते हैं। भारत-फ्रांस द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास वरुण-2022(20th edition of Indo-French bilateral naval exercise Varuna-2022) के 20वें संस्करण में का 3 अप्रैल को समापन हुआ। इस सैन्य अभ्यास में दोनों देशों की नेवी ने कई उन्नत तकनीकों के जरिये दुश्मनों को मार भगाने के तौर-तरीके सीखे। इस बार के अभ्यास में समुद्री परिचालन की व्यापक श्रेणियों (स्पेक्ट्रम) को शामिल किया गया था।
सैन्य अभ्यास में यह सीखा
वरुण अभ्यास के महत्वपूर्ण सामरिक समुद्री चरण में उन्नत पनडुब्बी-रोधी युद्ध रणनीति, गनरी (तोप बंदुक शास्त्र) शूट, नाविक ज्ञान का विकास, सामरिक युद्धाभ्यास और व्यापक हवाई परिचालन पर प्राथमिक ध्यान रखा गया था। इस सैन्य अभ्यास में बटालियनों ने एकीकृत हेलीकॉप्टरों के जरिए क्रॉस डेक लैंडिंग भी की। यह उनकी ताकत और सूझबूझ को को दिखाता है। इसके अलावा पोतों के बीच गन फायरिंग और इसे फिर से भरने की प्रक्रियाओं का भी दोनों देशों की नेवी ने अभ्यास किया।
वरुण अभ्यास का अंतिम चरण उन्नत पनडुब्बी-रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) अभ्यासों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ आगे बढ़ा। इसके अलावा आईएनएस चेन्नई सी किंग एमके 42बी, समुद्री गश्ती विमान पी8आई, फ्रांसीसी नौसेना फ्रिगेट एफएस कोर्टबेट, सपोर्ट वेसल एफएस लॉयर और अन्य इकाइयों के साथ एएसडब्ल्यू परिचालन की व्यापक श्रेणियों का अभ्यास किया गया। वहीं, इस अभ्यास के बाद के हिस्से में समुद्र में पोत चालकों का आदान-प्रदान भी शामिल था।
दोनों नौसेनाओं के जहाजों ने किया स्टीम पास्ट
वरुण अभ्यास के अंतिम दिन कर्मियों का क्रॉस विजिट (आपसी दौरा), समुद्री सवारों का क्रॉस एम्बार्केशन (आपसी लदान) और एक समापन सत्र रखा गया था। अभ्यास में शामिल हुईं बटालियों के प्रतिभागियों और परिचालन टीमों ने एक व्यापक जानकारी के लिए आईएनएस चेन्नई पोत पर मुलाकात की। इस दौरान डिब्रीफ (अभ्यास समाप्त होने के बाद सवाल-जवाब की एक श्रृंखला) के बाद इस अभ्यास का समापन दोनों नौसेनाओं के जहाजों के बीच पारंपरिक स्टीम पास्ट से किया गया।
दुनिया में मंडराते युद्ध के खतरे के बीच महत्वपूर्ण रहा यह अभ्यास
आईएनएस चेन्नई पोत ने कर्मियों के साथ आगे की यात्रा के लिए अनुकूल हवाओं व समुद्र का अनुसरण करते हुए फ्रांसीसी युद्धपोतों के कतार को नजदीक से पार करके दिखाया। वरुण-2022, भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में एक लंबी यात्रा तय करेगा। यह अभ्यास ऐसे समय में किया गया, जब दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है।