जम्मू-कश्मीर से 4 बड़ी या महत्वपूर्ण खबरें हैं। पहली खबर विधानसभा चुनाव को लेकर है। इस बार बाहरी लोग भी वोट डाल सकेंगे। दूसरी खबर NIA से जुड़ी है। तीसरी खबर मुस्लिम धर्मस्थलों पर जबरन दान पर बैन लगाने से जुड़ी है। चौथी खबर कश्मीर पंडितों के प्रदर्शन की है।
जम्मू. धारा 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस बार बाहर लोग भी वोट डाल सकेंगे। इधर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 18 अगस्त को जम्मू में कई जगहों पर छापा मारा है। टीम ने आतंकी फैजल मुनीर के यहां छापा मारा है। वो आतंकी संगठन लश्कर से जुड़ा हुआ है। उसने अपने घर को आतंकियों के लिए ट्रांजिट कैम्प बनाया हुआ था। उस पर पिछले डेढ़ साल से पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियार सप्लाई करने का आरोप है। (तस्वीर-जम्मू में NIA की रेड) पढ़िए बाकी डिटेल्स...
कश्मीर के बाहरी लोग भी डाल सकेंगे वोट
जम्मू कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव होने की सुगुबुगाहट शुरू हो गई है। इस बीच चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है।जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार ने एक आदेश जारी किया है। इसके अनुसार, कश्मीर में रहने वाले बाहरी लोग भी वोट डाल सकेंगे। यानी जम्मू-कश्मीर में तैनात आर्म्स फोर्स के जवान-अफसर भी मतदाता सूची में अपना नाम अपडेट कराकर वोटिंग कर सकेंगे। ऐसा पहली बार होगा, जब गैर कश्मीरी भी वोट डाल सकेंगे। आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। हृदेश कुमार ने बुधवार को बताया कि जम्मू कश्मीर में इस बार करीब 25 लाख नए वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने के आसार हैं। 15 सितंबर से वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी, जो 25 अक्टूबर तक चलेगी।10 नवंबर तक दावों और आपत्तियों का निपटारा होगा। जम्मू-कश्मीर में 18 साल से अधिक उम्र के करीब 98 लाख लोग हैं। लेकिन वोटिंग लिस्ट में अभी 76 लाख रजिस्टर्ड हैं।
हालांकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इसके खिलाफ एक ट्वीट किया है। इसमें लिखा कि ‘क्या भाजपा जम्मू कश्मीर के वास्तविक मतदाताओं के समर्थन को लेकर इतनी असुरक्षित है कि उसे सीटें जीतने के लिए अस्थायी मतदाताओं को आयात करने की जरूरत है? पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने इस कदम को ‘‘खतरनाक’’ करार दिया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस प्रक्रिया का असली उद्देश्य स्थानीय आबादी को शक्तिहीन करना बताया है।
कश्मीरी पंडितों ने किया प्रदर्शन
प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कार्यरत कश्मीरी पंडितों (KP) ने बुधवार को शोपियां में सुनील कुमार भट की टार्गेट किलिंग के खिलाफ व्यस्त तवी पुल पर जाम लगा दिया। वे कश्मीर में स्थिति में सुधार होने तक उन्हें जम्मू स्थानांतरित करने की मांग कर रहे थे। हाथों में तख्तियां लेकर पहले प्रदर्शनकारियों ने डोगरा चौक पर धरना दिया। यहां से वे तवी पुल की तक मार्च करते हुए पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें सरकारी कार्यालयों में काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण नहीं दिया गया। इसलिए वे सुरक्षा स्थिति में सुधार होने तक जम्मू में स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल वहां काम करने को तैयार नहीं हैं। लगातार हो रही हत्याओं के कारण केपी कर्मचारी गहरे तनाव में हैं। बता दें कि जम्मू में पिछले 92 दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम धर्मस्थलों पर जबरन दान पर एक्शन
जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के तीर्थस्थलों में सभी प्रकार के जबरन दान पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि जियारतों में कुछ लोगों द्वारा जबरन और शोषण के माध्यम से चंदा लेने के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें मिलने पर यह कदम उठाया गया है। इस तरह की अनैतिक प्रथा" ऐसे पवित्र स्थानों की पवित्रता को नुकसान पहुंचाती है, और जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड के पहले से ही आर्थिक संकट के लिए और हानिकारक है। आदेश के अनुसार धार्मिक स्थलों और मस्जिदों में तैनात सभी कार्यकारी अधिकारियों, प्रशासकों और स्टाफ सदस्यों को सख्ती से प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है और आदेश का पालन न करने पर जबरन दान में शामिल तत्वों के पवित्र स्थलों में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
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