ओडिशा में भारी बारिश ने मचाई तबाही, जानिए देश के बाकी राज्यों के लिए मौसम विभाग ने क्या भविष्यवाणी की है

मौसम विभाग के अनुसार देश में इस समय कहीं भारी बारिश की संभावना नहीं है। लेकिन तमाम राज्यों में मध्यम बारिश हो सकती है। इनमें मप्र, गुजरात, पूर्वोत्तर भारत, यूपी, बिहार आदि राज्य शामिल हैं। उधर, ओडिशा में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। 

Amitabh Budholiya | Published : Aug 18, 2022 1:34 AM IST / Updated: Aug 18 2022, 07:06 AM IST

मौसम डेस्क. दक्षिण पश्चिमी मानसून(south west monsoon) की सक्रियता से देश के कई राज्यों में बारिश का दौर चल रही है। हालांकि आजकल में ओडिशा को छोड़कर भारी बारिश का कोई अलर्ट नही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आजकल में  राजस्थान, कच्छ, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया है। गुजरात के शेष हिस्सों, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, राजस्थान के शेष हिस्सों, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों, झारखंड के कुछ हिस्सों, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, सिक्किम, तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की बारिश संभव है। वहीं, उत्तर प्रदेश, बिहार और आंतरिक कर्नाटक में एक या दो स्थानों पर भी हल्की बारिश हो सकती है। (यह तस्वीर ओडिशा के कोरापुट की है। जिले के बंगालागुडा गांव के पास लगातार मानसूनी बारिश के कारण एनएच-326 पर एक पुल गिर गया)

ओडिशा में बाढ़ की स्थिति गंभीर; बारिश के अगले दौर के लिए सरकार की तैयारी
ओडिशा के महानदी रिवर सिस्टम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। आपदा से 12 जिलों के 4.67 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। स्पेशल रिलीफ कमिश्नर (SRC) पीके जेना ने कहा कि इस स्थिति के बीच मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार प्रशासन गुरुवार से भारी बारिश के अगले दौर के लिए तैयार है। महानदी डेल्टा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। बाढ़ का पानी जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, पुरी और खुर्दा जिलों से होकर गुजरेगा। उन्होंने कहा कि करीब 10 लाख क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकेंड) पानी डेल्टा क्षेत्र से बहेगा, जिससे और गांव जलमग्न हो सकते हैं। जेना ने कहा कि 425 गांवों में 2.26 लाख से अधिक की आबादी डूबी हुई है, जबकि अब तक लगभग 54,000 लोगों को निकालकर अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया है। आपदा ने 1757 गांवों और 10 शहरी स्थानीय निकायों को प्रभावित किया है।

 राज्य सरकार ने नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF), ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ODRF) और ओडिशा फायर सर्विस की रेस्क्यू टीमों को तैनात किया है। मौसम विभाग ने गुरुवार को 20 जिलों में भारी बारिश और 17 जिलों में शुक्रवार को बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है, क्योंकि एक नया निम्न दबाव क्षेत्र विकसित हो रहा है।

(यह तस्वीर गुजरात के सूरत की है, जहां तेज बारिश से सड़कों पर पानी भर गया)

राजस्थान में बारिश का हाल
बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने से राजस्थान के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक गहरा निम्न दबाव का सिस्टम राज्य के पश्चिमी हिस्से में पहुंच गया है। इसके और कमजोर होने और पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। इससे पूर्वी राजस्थान के ज्यादातर हिस्सों में बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी, लेकिन जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, बीकानेर, नागौर और आसपास के इलाकों में अगले 24 घंटे में मानसून के सक्रिय रहने की प्रबल संभावना है। पश्चिमी राजस्थान के जिले 18 अगस्त से जैसलमेर और बाड़मेर को छोड़कर पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में बारिश की गतिविधियों में तेज कमी आएगी। अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा और छिटपुट स्थानों पर ही बारिश होने की संभावना है। हालांकि, 19 अगस्त को बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके प्रभाव से पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में 21 अगस्त से बारिश का नया दौर शुरू हो जाएगा। 

दिल्ली में बारिश का हाल
दिल्ली में बुधवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने और सतही तेज हवाओं ने पारे को नियंत्रित रखा। मौसम विभाग के अनुसार एक-दो दिन बाद राजधानी में और बारिश होने की संभावना है। 1 जून से मानसून का मौसम शुरू होने के बाद से सामान्य 415.7 मिमी के मुकाबले 337.9 मिमी वर्षा हुई है।
अगस्त में, दिल्ली में औसतन 247.7 मिमी वर्षा हुई है। मौसम विभाग ने पहले अगस्त और सितंबर में उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की थी।

मौसम के सिस्टम के बारे में यह भी जानें
राजस्थान के मध्य भागों पर कम दबाव का क्षेत्र अब दक्षिण पश्चिम राजस्थान और आसपास के क्षेत्र में स्थित है। इसके पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद है और 18 अगस्त की शाम तक धीरे-धीरे कम दबाव के क्षेत्र में कमजोर हो सकता है। 19 अगस्त को बंगाल की उत्तरी खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।

पिछले दिन इन राज्यों में हुई बारिश
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, पिछले दिन पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तटीय कर्नाटक, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होती रही। बिहार, आंतरिक तमिलनाडु, केरल और आंतरिक ओडिशा में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश हुई।

कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण राजस्थान में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। हिमाचल प्रदेश में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। जबकि राजस्थान के शेष हिस्सों, तटीय तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों, तटीय ओडिशा के कुछ हिस्सों, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, मेघालय और हिमाचल प्रदेश के शेष हिस्सों में छिटपुट हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। 

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