गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के बाद गुजरात में अफरातफरी, दीनदयाल बंदरगाह पर खड़े हैं 4000 लोडेड ट्रक

गुजरात के कच्छ स्थित दीनदयाल बंदरगाह पर गेहूं से लदे 4000 से अधिक ट्रक खड़े हैं। गेहू निर्यात पर प्रतिबंध लगने की अचानक घोषणा के बाद से ही व्यापारियों को अपने गेहूं की चिंता सताने लगी है। पोर्ट पर सभी गेहूं ट्रक में लोड हैं, कुछ खुले में हैं। 

rohan salodkar | Published : May 17, 2022 7:13 AM IST

गुजरातः गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध (Wheat Exports Ban) की अचानक घोषणा से अफरातफरी मच गई है। निर्यातकों और व्यापारियों को अपने माल की चिंता सता रही है। गुजरात के कच्छ जिले में दीनदयाल बंदरगाह (Deendayal Port) पर गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध की अचानक घोषणा से अफरातफरी मच गई है। गेहूं से लदे करीब 4000 ट्रक बंदरगाह पर खड़े हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पोर्ट के अंदर चार जहाज हैं, जो गेहूं से भरा हुआ है। उसे भी निकालने का कोई आदेश नहीं है। बंदरगाह के बाहर करीब 4 लाख मीट्रिक टन गेहूं फंसा है। यह गेहूं अकेला सिर्फ मध्य प्रदेश का है। कुछ ट्रक में हैं, तो कुछ गोदामों में हैं। 

बंदरगाह में गेहूं का भंडारण
पिछले शुक्रवार को ही प्रतिबंध की घोषणा हुई थी। एक दिन पहले ही बंदरगाह में लोडिंग एक्टिविटी हो रही थी। इस बंदरगाह से मध्य-पूर्व और यूरोपीय देशों में निर्यात किया जाता है। यूपी, पंजाब और एमपी से यहां गेहूं आता है। इस बंदरगाह को पहले कांडला बंदरगाह के नाम से भी जाना जाता था। बंदरगाह के अदर करीब 32 बड़े गोदाम हैं। उनमें से कई में गेहूं की खेप भरी है। बंदरगाह पर लगाए गए गोदाम या भंडारण शुल्क को 25 रुपये कर दिया गया है। पहले यह शुल्क 10 रुपये था। इस कारण भंडारण का जगह नहीं बचा है। सभी गेहूं खुले में पड़े हुए हैं। 

Latest Videos

एमपी का गेहूं जहाज में लोड
मध्यप्रदेश से आया 44,340 मीट्रिक टन गेहूं जहाज पर लोड किया जा चुका है। दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि यह गेहूं लाइबेरिया फ्लैग वाले जहाज में लोड किया जा चुका है। इसे 16 मई को मिस्त्र के लिए रवाना करना था। सरकार ने उनकी शिपमेंट की अनुमति दी है। जिसके लिए शनिवार को बैन अधिसूचित होने से पहले अपरिवर्तनीय साख पत्र जारी किए गए थे। साथ ही खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अवन्य देशों की सरकारों के अनुरोधित खेपों को पूरा करने की भी अनुमतिदी गई थी। 

बता दें कि भीषण गर्मी और लू की वजह से गेहूं उत्पादन प्रबावित होने की चिंताओं के बीच भारत ने अपने प्रमुख खाद्यान्न की कीमतों में आई भारी तेजी पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। केंद्र ने कहा है कि पड़ोसी और कमजोर देशों की खाद्यान्न आवश्यकता को पूरा करने के अलावा इस फैसले से गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। जो पिछले एक साल में औसतन 14 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है। 

Share this article
click me!

Latest Videos

Tulsi Vivah 2024: कब है तुलसी विवाह, जानें पूजन का महत्व और शुभ मुहूर्त
LIVE: प्रियंका गांधी ने तिरुवंबदी के कोडेनचेरी में सुखनेर सभा को संबोधित किया
यूपी मदरसा कानून पर आ गया 'सुप्रीम' फैसला, लाखों छात्रों का जुड़ा था भविष्य । SC on UP Madarsa
Almora Bus Accident: मंजिल तक पहुंचने से पहले ही खत्म हुए सफर... जानें क्यों तनाव में था ड्राइवर
इस एक वजह से बदली गई यूपी-पंजाब और केरल उपचुनाव की तारीख, जानिए क्या है नई डेट