पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पाकिस्तान से भारत में ड्रग्स की तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने 17 तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनमें पांच पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
श्रीनगर। पाकिस्तान ड्रग्स भेजकर जम्मू-कश्मीर के युवाओं का जीवन तबाह कर रहा है। ड्रग्स से होने वाली आमदनी का इस्तेमाल घाटी में आतंकवाद फैलाने के लिए किया जा रहा है। शुक्रवार को पुलिस ने एक बड़े ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ किया और कुपवाड़ा जिले में 17 तस्करों को गिरफ्तार किया। इनमें पांच पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान से ड्रग्स की सप्लाई कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर के रास्ते की जा रही थी। बड़ा मॉड्यूल नियंत्रण रेखा के पास से मादक पदार्थों की तस्करी करने और उसे कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने में शामिल था। कुपवाड़ा के एसएसपी युगल कुमार मन्हास ने कहा कि हमने नशीले पदार्थ के बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें पांच पुलिसकर्मी, दुकानदार, एक राजनीतिक कार्यकर्ता और एक ठेकेदार शामिल है। ड्रग्स पाकिस्तान से आ रहे थे। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के केरन में रहने वाला शाकिर अली खान भारत के केरन सेक्टर में रहने वाले अपने बेटे तमहीद अहमद को ड्रग्स सप्लाई करता था।
दो किलोग्राम हेरोइन बरामद
पुलिस ने पहले कुपवाड़ा शहर और उसके आसपास के इलाकों में कुछ ड्रग पैडलर्स को निशाने पर लिया था। उनसे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस को मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल एक बड़े नेटवर्क का पता चला। इसके बाद छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस आरोपियों पांच किलोग्राम हेरोइन मिली थी। अब तक दो किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई है।
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गौरतलब है कि मादक पदार्थों की तस्करी जम्मू-कश्मीर सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। पुलिस ने 2022 में कश्मीर के सीमावर्ती जिलों के 161 लोगों के खिलाफ ड्रग्स से जुड़े 85 केस दर्ज किए हैं। पिछले साल NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में तैनात सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया था। उसपर आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के ड्रग्स तस्करी गिरोह से जुड़े होने का आरोप लगा था। एनआईए ने बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर रोमेश कुमार से 91 लाख रुपए नकद बरामद किए थे। नकदी को मादक पदार्थों की तस्करी की आय का हिस्सा बताया गया था।
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