पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 31 अक्टूबर को सिलेंडर की वजह से ट्रेन में ब्लास्ट हुआ था। 73 लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन हादसा इतना भीषण था कि अब शवों की पहचान भी नहीं हो पा रही है। पाकिस्तान के अखबार डॉन न्यूज के मुताबिक अब पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की मदद ली जाएगी।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 31 अक्टूबर को सिलेंडर की वजह से ट्रेन में ब्लास्ट हुआ था। 73 लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन हादसा इतना भीषण था कि अब शवों की पहचान भी नहीं हो पा रही है। पाकिस्तान के अखबार डॉन न्यूज के मुताबिक अब पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की मदद ली जाएगी।
52 शवों को होगा डीएनए टेस्ट
रहीम यार खान के डिप्टी कमिश्नर जमील अहमद ने कहा कि 52 शवों की पहचान करने के लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा, जिससे कि उन्हें दफनाने के लिए रिश्तेदारों को सौंपा जा सकता है। अधिकांश पीड़ित पाकिस्तान के सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक वार्षिक तब्लीगी इज्तिमा में भाग लेने के लिए यात्रा कर रहे थे।
ट्रेन रोकने में 20 मिनट लग गए
एक पीड़िता ने कहा कि ट्रेन में धमाका होने के बाद ट्रेन रोकने में करीब 20 मिनट लग गए। ऐसे में शक होता है कि क्या ट्रेन के ब्रेक काम कर रहे थे या नहीं। ट्रेन में 857 यात्री सवार थे। हालांकि ट्रेन पायलट सादिउ अहमद खान ने कहा कि आपातकालीन ब्रेकिंग सिस्टम में खराबी नहीं थी और आग लगने के बाद 3 मिनट में ट्रेन रुक गई।
जिंदा जल गए 73 लोग
हादसा इस्लामाबाद से 800 किमी. दूर रहीम यार खान जिले के लियाकतपुर में हुआ, जहां कराची-रावलपिंडी तेजगाम एक्सप्रेस में आग लगी। बताया गया कि ट्रेन में नाश्ता बनाते वक्त गैस सिलेंडर से ब्लास्ट हुआ। रेलवे के एक अधिकारी नबीला असलम ने बताया कि कुछ यात्री कपड़ों में गैस सिलेंडर छिपा कर लाए थे और ट्रेन में ही नाश्ते के लिए अंडा उबाल रहे थे, तभी ब्लास्ट हुआ।
हादसे की बाद की तस्वीर, सिर्फ राख ही राख