स्कॉटलैंड और कनाडा के बाद ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बताया फाइजर को कोरोना के डेल्टा वेरिएंट पर 88% असरकारक

कोरोना के डेल्टा वेरिएंट को अभी तक सबसे खतरनाक माना जा रहा है। कोरोनी की तीसरी लहर की आशंका के चलते इस वेरिएंट ने दुनियाभर को चिंता में डाल रखा है। इस बीच ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च के बाद दावा किया है फाइजर टीका डेल्ट वेरिएंट पर 88% असरकारक है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 9, 2021 3:26 AM IST / Updated: Jul 09 2021, 08:59 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना के नये-नये वेरिएंट दुनियाभर के देशों की चिंता का विषय बने हुए हैं। खासकर; इस समय कोरोना के डेल्ट वेरिएंट ने लोगों की नींद उड़ाकर रखी है। इस बीच ब्रिटेन से एक अच्छी खबर आई है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की है। इसके बाद दावा किया जा रहा है कि फाइजर का टीका डेल्टा वेरिएंट पर 88% तक असरकार है।

स्कॉटलैंड और कनाडा के वैज्ञानिक भी बता चुके हैं असरकार
इससे पहले डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ फाइजर टीके को स्कॉटलैंड और कनाडा के वैज्ञानिक भी प्रभावी बता चुके हैं। स्कॉटलैंड के वैज्ञानिकों ने इसके 79% और कनाडा के वैज्ञानिकों ने 87% असरकारक होने की बात कही थी।

इजरायल भी कर चुका है फाइजर की तारीफ
इजरायल भी फाइजर टीके को लेकर संतोष जाहिर कर चुका है। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले दिनों कहा था कि फाइजर का टीका डेल्टा ही नहीं, हर वेरिएंट पर असरकारक है। मई में इजरायल ने फाइजर को कोरोना पर 95% असरकारक बताया था। दुनिया के कई देश फाइजर के प्रभाव को लेकर अपनी-अपनी रिसर्च कर चुके हैं या कर रहे हैं।

डेल्टा+ तेजी से फैलने वाला वायरस
डेल्टा प्लस वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंता जाहिर कर चुका है। इसे अभी कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा संक्रामक म्यूटेंट बताया जा रहा है। LNJP(लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल) के डॉक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने  पिछले दिनों डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर बड़ी बात कही थी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन नहीं ली है, वही लोग डेल्टा प्लस से संक्रमित हो रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए डॉ सुरेश कुमार ने कहा- कोविड डेल्टा प्लस उन्हीं लोगों को संक्रमित कर रहा है जिन्होंने वैक्सीन की डोज़ नहीं ली है। डेल्टा प्लस रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कम करता है। यह बहुत तेजी से फैलने वाला वायरस है। यह चिंता का विषय है। 

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WHO ने कहा- बचाव जरूरी
डेल्टा प्लस वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंता जाहिर कर चुका है। इसे अभी कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा संक्रामक म्यूटेंट बताया जा रहा है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इससे निपटने के लिए पहले से ही महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। डेल्टा प्लस वैरिएंट को अगर फैलने से रोकना है तो इसके लिए वैक्सीन के साथ-साथ मास्क और दो गज दूरी जैसे कदम भी उठाने होंगे।

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