मदुरै की शान 25 वर्षीय हथिनी पार्वती के मोतियाबिंद का ट्रीटमेंट करने थाइलैंड से पहुंची डॉक्टरों की टीम

यह तस्वीर 25 वर्षीय हथिनी पार्वती की है, जो तमिलनाडु के मदुरै स्थित प्रसिद्ध मीनाक्षी अम्मन मंदिर( Madurai Meenakshi Amman Temple) में रहती है। उसकी एक आंख में मोतियाबिंद(cataract) है। उसका इलाज करने थाइलैंड से डॉक्टरों की टीम यहां पहुंची। वो कुछ सालों से बीमार है। हालांकि लंबे समय से उसका अच्छे से इलाज जारी है। जानिए क्या है पूरा मामला...

मदुरै, तमिलनाडु. यह तस्वीर 25 वर्षीय हथिनी पार्वती की है, जो तमिलनाडु के मदुरै स्थित प्रसिद्ध मीनाक्षी अम्मन मंदिर( Madurai Meenakshi Amman Temple) में रहती है। उसकी एक आंख में मोतियाबिंद(cataract) है। इसका इलाज करने थाईलैंड के जाने-माने पशु चिकित्सक(veterinary  doctor) निक्रोन थोंगी(Nikron Thongi) के नेतृत्व में एक 7 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम मंदिर पहुंची। यह जानकारी मीडिया को जिला प्रशासन ने दी। 

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किसी बच्चे की तरह की जा रही पार्वती की देखभाल 
यह जुलाई, 2021 की बात है, जब पार्वती की एक आंख में मोतियाबिंद की जानकारी सामने आने पर लोकप्रिय मदुरै मीनाक्षी अम्मन मंदिर में उसके अस्तबल को और अधिक सुविधाजनक बनाया गया था। फर्श पर और मिट्टी बिछाई गई थी, ताकि उसे कोई तकलीफ न हो। प्रदेश सरकार ने सभी मंदिर में रहने वाले हाथियों को मिट्टी का आरामदायक फर्श देने की शुरुआत की थी। बता दें कि यहां के मंदिरों में हाथियों का बड़ा महत्व है। जब पार्वती की आंख में मोतियाबिंद का पता चला था, तब उसकी सेहत को देखते हुए हिंदू धर्म तथा धर्मार्थ बंदोबस्ती मंत्री पीशेखर बाबू, स्थानीय मंत्री पी मूर्ति तथा पलानीवेल त्यागराजन ने तमिलनाडु पशु चिकित्सा तथा पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के एक्सपर्ट के साथ मंदिर का निरीक्षण किया था। तब से पार्वती का इलाज चल रहा है।

डिहाईड्रेशन से हुई थी बीमारी
वेटेनरी डॉक्टरों के अनुसार पार्वती को डीहाईड्रेशन की वजह से आंखों की तकलीफ हुई थी। हालांकि एक्सपर्ट्स की देखरेख में उसका लगातार उपचार जारी है। उसे इससे फायदा भी पहुंचा था। बता दें कि देवी मीनाक्षी एवं उनकी पत्नी सुंदरेश्वर को समर्पित मदुरै मीनाक्षी अम्मन मंदिर तमिलनाडु के सबसे पुराने तथा सबसे सुन्दर मंदिरों में गिना जाता है।  मंदिर का गर्भगृह लगभग 3500 साल पुराना बताया जाता है। यह मंदिर भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। किवदंती है कि शिवजी सुंदरेश्वर के रूप में देवी पार्वती (मीनाक्षी) से विवाह करने के लिए पृथ्वी पर यहीं पहुंचे थे। यह मंदिर मदुरै शहर के मध्य में करीब 14 एकड़ में फैला हुआ है। यह ग्रेनाइट पत्थरों से बना है। कुछ साल पहले पार्वती की सुविधा को देखते हुए मंदिर में लगे ग्रेनाइट फर्श के एक भाग को हटा दिया गया था। उसकी जगह मिट्टी की फ्लोरिंग की गई थी। 

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