गर्भवती महिला न करें हवाई यात्रा, फ्लाइट के अंदर नहीं मिलेगा खाना, वेबसाइट से करना होगा चेक इन

उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिडर (SOP) जारी कर दिया है, जिसमें मंत्रालय ने कहा है कि राज्य और स्थानीय प्रशासन यात्रियों के एयरपोर्ट पहुंचने के लिए साधन की व्यवस्था सुनिश्चित करे।

Asianet News Hindi | Published : May 21, 2020 5:27 AM IST / Updated: May 21 2020, 01:53 PM IST

नई दिल्ली. देश में जारी कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच 25 मई से घरेलू उड़ान की शुरूआत की जा रही है, जिसका ऐलान बुधवार को उड्डयन मंत्री ने किया था। जिसके बाद आज गुरुवार को एयरपोर्ट ऑथिरिटी ने यात्रियों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिडर (SOP) जारी कर दिया है, जिसमें यात्रियों के सुरक्षित यात्रों को लेकर गाइडलाइन तय की गई हैं।


एयरपोर्ट तक कैसे पहुंचेंगे? : एयरपोर्ट ऑथिरिटी ने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से कहा है कि यात्री अपनी प्राइवेट गाड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैक्सी का भी प्रयोग कर सकते हैं।

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2 घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचना होगा : यात्रियों को विमान डिपार्चर के 2 घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचने को कहा गया है। टर्मिनल के अंदर वही लोग घुस सकते हैं जिनकी फ्लाइट अगले चार घंटों में हो। एयरपोर्ट टर्मिनल में दाखिल होने से पहले सभी यात्रियों के लिए ग्‍लब्‍स और मास्‍क जैसे सुरक्षा किट पहनना अनिवार्य होगा।


वेब चेकइन के जरिए ही मिलेगी एंट्री : घरेलू विमानों में उड़ान के लिए यात्रियों को सिर्फ वेब चेक-इन की ही सुविधा मिल पाएगी। यह एक सुविधा है जिसके माध्यम से जिन यात्रियों ने उड़ानों में बुकिंग की पुष्टि की है वे संबंधित एयरलाइंस की वेब साइट से भी चेक इन कर सकते हैं। 


 गर्भवती महिला को इजाजत नहीं : नई गाइडलाइन के मुताबिक, गर्भवती महिला को उड़ान की इजाजत नहीं है। नई गाइडलाइन में कमजोर व्यक्तियों, जैसे बहुत बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और बीमार यात्रियों को हवाई यात्रा की इजाजत नहीं है।


एक केबिन और एक चेक-इन बैगेज की सुविधा: यात्रियों को केवल एक केबिन और एक चेक-इन बैग की अनुमति होगी। हालांकि, चेक-इन सामान के लिए पहले से इजाजत लेनी होगी। केबिन बैगेज, जैसे- हैंडबैग, पर्स, लैपटॉप बैग, जिन्हें आप अपने साथ फ्लाइट में ले जा सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा 7 किलो तक का सामान अपने साथ फ्लाइट में रख सकते हैं। मेडिसिन, खाने-पीने का सामान केबिन बैगेज में रख सकते हैं। चेक-इन बैगेज जैसे- सूटकेस, ब्रिफकेस को चेक-इन-बैगेज कहते हैं। यह 15 किलो तक हो सकता है।


विमान के अंदर नहीं खा सकते खाना : उड़ान के दौरान विमान के अंदर किसी भी तरह का खाना नहीं खा सकते हैं। पानी की बोतल सीटों पर उपलब्ध कराई जाएगी। विमान के अंदर यात्रियों को खाना नहीं दिया जाएगा।


आरोग्य सेतु ऐप में ग्रीन लाइट जलने पर एंट्री : यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है। एंट्री गेट पर मोबाइल में ग्रीन लाइट जलने पर ही एंट्री मिलेगी। अगर ग्रीन लाइट नहीं जली, तो एंट्री नहीं मिलेगी। हालांकि 14 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए आरोग्य सेतु ऐप की जरूरत नहीं पड़ेगी। 


सोशल डिस्टेंसिंग का रखना होगा ख्याल : यात्रियों को एयरपोर्ट टर्मिनल में प्रवेश से पहले एक निश्चित स्थान पर थर्मल स्क्रीनिंग के लिए स्क्रीनिंग क्षेत्र से अनिवार्य रूप से गुजरना होगा। यात्रियों के बैठने की व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर की जाएगी। यात्रियों के बीच जिन सीटों को प्रयोग नहीं किया जाएगा उन्हें ब्लॉक किया जाएगा। 


न्यूजपेपर/मैग्जीन नहीं मिलेंगे : यात्रियों को टर्मिनल बिल्डिंग या लाउंज में न्यूजपेपर और मैग्जीन नहीं दिया जाएगा। एंट्री से पहले बैगेज को भी सैनेटाइज किया जाएगा।


कम से कम 1 मीटर की दूरी होनी चाहिए : भीड़भाड़ से बचने के लिए टर्मिनल के सभी गेट्स को खोला जाना जरूरी है जिससे यात्री टर्मिनल के अंदर जा सकें और सारे सुरक्षा प्रोसीजर का पालन कर सकें। एयरपोर्ट्स ऑपरेटर्स को सभी एंट्री गेट और सभी दरवाजों के साथ स्क्रीनिंग जोन्स पर सोशल डिस्टेंसिंग की मार्किग करनी होगी जिसके बीच की दूरी एक मीटर से कम नहीं होनी चाहिए और इसका पालन एयरपोर्ट के स्टाफ को भी करना होगा। 


यात्रियों के जूते तक होंगे सैनेटाइज : यात्रियों के जूतों, फुटवियर्स को डिसइंफेक्ट करने के लिए सभी एंट्रेंस पॉइंट पर ब्लीच में भीगी हुई मैट या कारपेट को बिछाना जरूरी है। जिन यात्रियों को विशेष देखभाल की जरूरत है जैसे दिव्यांग या बुजर्ग या छोटे बच्चे जिन्हें व्हीलचेयर की जरूरत हो, उनको हैंडल करने वाले एयरपोर्ट स्टाफ और व्हील चेयर्स को पूरी तरह सैनिटाइज करना जरूरी होगा। 


बिना लाइन मिलेगा बोर्डिंग पास : यात्रियों को कम से कम ट्रॉली का उपयोग करना होगा। वहीं बिना लाइन के बोर्डिंग पास मिलेगा। एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को यात्रियों के बैगेज को टरमिनल में एंट्री देने से पहले पूरी तरह सैनिटाइज करने का आदेश दिया गया है।


दिव्यांगो और बुजुर्गों के लिए क्या? : दिव्यांग, बुजर्ग या छोटे बच्चे जिन्हें व्हीलचेयर की जरूरत हो, उनको हैंडल करने वाले एयरपोर्ट स्टाफ और व्हील चेयर्स को पूरी तरह सैनिटाइज करना जरूरी होगा।


25 मार्च से सभी उड़ानों पर लगी है रोक : देश में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 23 मार्च और घरेलू उड़ानें 25 मार्च से बंद हैं। उड्डयन मंत्रालय ने पिछले दिनों कंपनियों को टिकटों की बुकिंग नहीं करने के लिए कहा था। लॉकडाउन फेज-4 में उड़ानों पर प्रतिबंध जारी रहेगा।


इंटरनेशनल उड़ानें अभी भी रहेंगी बंद : देश के करीब 20 हवाईअड्डों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मिलती हैं। इन एयरपोर्ट्स से 55 देशों के 80 शहरों तक पहुंच सकते हैं। दुनिया के कई देश कोरोना की चपेट में हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक जारी रखना जरूरी है। स्टेटिस्टा के मुताबिक, भारत में 2019 में करीब 7 करोड़ लोगों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में सफर किया। वहीं, देश में हर महीने औसतन 1.3 करोड़ और सालाना 14 करोड़ यात्री घरेलू उड़ानों में सफर करते हैं।

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