दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा बुलाए गए विधानसभा के स्पेशल सेशन को लेकर सवाल उठाए हैं।
Delhi Assembly special session: दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा बुलाए गए विधानसभा के स्पेशल सेशन को लेकर सवाल उठाए हैं। उप राज्यपाल ने नियमों का हवाला देकर आप सरकार से कहा कि बिना किसी विधायी काम के सदन को बुलाने की सिफारिश कर चूक की गई है। उन्होंने कहा कि एजेंडा तय नहीं होने से यह स्पष्ट नहीं है कि सदन के सदस्यों को किसलिए बुलाया गया है, ऐसे में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं होने की वजह से इसे बुलाया नहीं जाना चाहिए।
क्या कहा उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने?
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि मैं यह समझने में विफल हूं कि जीएनसीटीडी अधिनियम 1991 के किस परिस्थिति में और किस प्रावधान के तहत सातवीं विधान सभा के चौथे सत्र (बजट सत्र) का दूसरा भाग बजट सत्र के सत्रावसान के प्रस्ताव को पेश करने के बजाय, एकदिन का स्पेशल सेशन बुलाया गया है। हालांकि, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सदन बुलाने को लेकर नियमों को बताते हुए उपराज्यपाल पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मैं एलजी साहब को बता दूं - दिल्ली विधानसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 17 के तहत माननीय अध्यक्ष के पास सदन की बैठक बुलाने की शक्ति है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हालांकि, प्रचलित संसदीय प्रथा के अनुसार अध्यक्ष कैबिनेट की सिफारिश पर ही बुलाते हैं। सदन का सत्रावसान नहीं किया गया है और सत्रावसान केवल मंत्रिमंडल की सिफारिश पर ही किया जा सकता है।
दिल्ली कैबिनेट ने एक दिन का स्पेशल सत्र बुलाया
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष ने विधानसभा के चौथे सत्र के दूसरे भाग को बुलाने का प्रस्ताव दिया है जबकि दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय सत्र बुलाने की सिफारिश की है। भारद्वाज ने कहा कि चूंकि सत्रावसान के लिए कैबिनेट की कोई सिफारिश नहीं थी इसलिए माननीय अध्यक्ष ने नियम 17 (2) के तहत सदन को सही तरीके से बुलाया। सदन के नियमों और अधिनियम के अनुसार, दिल्ली के सदन को 29 मार्च को अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसलिए एक नया सत्र बुलाए जाने से पहले, विधानसभा को पहले सत्रावसान करना होगा।
आप का आरोप-केंद्र बना रही ईडी और सीबीआई को हथियार
दरअसल, अरविंद केजरीवाल सरकार ने शराब नीति केस में मुख्यमंत्री को केंद्रीय जांच ब्यूरो के समन पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया है। केजरीवाल के डिप्टी मनीष सिसोदिया शराब नीति मामले को तैयार करने में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में पहले से ही जेल में हैं, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने आरोप लगाया है कि केंद्र ने विपक्षी नेताओं पर झूठे मामले दर्ज करने के लिए सीबीआई और ईडी को हथियार बनाया है।