आत्म निर्भर भारत: कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़, मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रु का ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आत्म निर्भर भारत के तहत दिए गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने बताया कि तीसरे दिन कृषि और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए ऐलान होंगे।

Asianet News Hindi | Published : May 15, 2020 10:08 AM IST / Updated: May 15 2020, 06:32 PM IST

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आत्म निर्भर भारत के तहत दिए गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने बताया कि तीसरे दिन कृषि और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए ऐलान होंगे। आज 11 कदमों का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज 11 घोषणाएं की जाएंगी। इसमें से 8 इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, क्षमता बढ़ाने और बेहतर लॉजिस्टिक्स से संबंधित हैं, बाकी 3 शासन और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित हैं।



वित्त मंत्री ने बताया, लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे, छोटे और मंझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है। उन्होंने बताया, कोरोना के दौरान दो महीने में कई कदम उठाए गए। पीएम किसान योजना के तहत 18 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए किसानों के खाते में डाले गए। इसके अलावा किसानों को बीमा की योजना में 6400 करोड़ रुपए की राशि भी दी है। 74300 करोड़ रुपए एमएसपी के लिए दिए गए।

- सरकार तुरंत किसानों के लिए फार्म गेट के बुनियादी ढांचे के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का एग्री-इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनाने जा रही है। इससे कोल्ड चेन, फसल कटाई के बाद प्रबंधन की सुविधाएं मिलेंगी। किसान की आय भी बढ़ेगी। इससे किसान संघों, उद्यमियों और स्टार्ट-अप को मिलेगा फायदा। 

- 10 हजार करोड़ रु से 2 लाख सूक्ष्म खाद्य इकाइयों को मदद पहुंचाने की योजना। 

डेयरी उत्पादन के लिए
- वित्त मंत्री ने बताया, लॉकडाउन में दूध की डिमांड में 20-25% की कमी आई। इसके लिए डेयरी सहकारी समितियों को 2020-21 में डेयरी सहकारी समितियों को 2% प्रति वर्ष दर से ब्याज उपदान प्रदान करने की नई योजना लाई गई है। इस योजना में 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी से 2 करोड़ किसानों को लाभ होगा।

मत्स्य पालन के लिए
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए। इससे मछुआरों का विकास हो सकेगा। इसमें 11 हजार करोड़ रुपए से समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन, फिश प्रोडक्शन के लिए, 9 हजार करोड़ रुपए  बुनियादी ढांचे के लिए मिलेगा। इससे 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

पशुपालन के लिए
-  भारत पशुधन वाले देशों में आगे हैं। भारत में पशुओं की टीकाकरण की योजना सरकार लाई है। 13343 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। इससे 53 करोड़ पशु रोग मुक्त होंगे। 
- एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड में 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

हर्बल खेती के लिए
- हर्बल खेती के प्रमोशन के लिए 4,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। लगभग 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल प्रॉड्क्टस की खेती होगी। इससे 5,000 करोड़ की आय किसानों को होगी। गंगा के किनारे 800 हेक्टेयर क्षेत्र में औषधीय पौधों के कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। 

- ग्रामीण क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन के विकास के लिए 500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इससे करीब 2 लाख मधुमक्खी पालकों को लाभ मिलेगा। 

सब्जी उत्पादक किसानों के लिए
- ऑपरेशन ग्रीन्स को टमाटर, प्याज और आलू (TOP) से सभी फलों और सब्जियों (TOTAL) तक बढ़ाया जाएगा। 

- किसान सिर्फ लाइसेंस धारकों को अनाज और सामान बेच पाते हैं। अब इन बाधाओं को दूर किया जाएगा। किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। इससे बाधा रहित अंतरराज्यीय व्यापार और कृषि उपज के ई-ट्रेडिंग के लिए रूपरेखा तैयार की जा सके। 

दो दिन में इन योजनाओं का किया ऐलान
इससे पहले वित्त मंत्री सीतारमण ने पहले चरण में एमएसएमई सेक्टर और नौकरी पेशा लोगों के लिए राहत का ऐलान किया था। दूसरे चरण में प्रवासी मजदूरों, सड़क के किनारे स्टॉल या रेहड़ी लगाने वालों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार और छोटे किसानों को राहत दी गई।

दूसरे दिन इन योजनाओं का हुआ ऐलान



 
Nirmala Sitharaman speech on 20 lakh crore package live news and update KPP


 पीएम मोदी ने किया था ऐलान

सीतारमण 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से जुड़ी सभी डिटेल देश को बताएंगी। इस आर्थिक पैकेज का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए किया था। कोरोना महामारी से जूझ रहा देश लॉकडाउन के 50 दिनों से जिस राहत के मरहम का इंतजार था। उसका ऐलान पीएम ने कर दिया। कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई और देश को फिर से खड़ा करने के लिए मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है।

जीडीपी का 10% राहत पैकेज

20 लाख करोड़ का राहत पैकेज देश की जीडीपी का करीब 10% है। ये 2020-21 के स्वीकृत बजट यानि 30 लाख करोड़ से करीब 10 लाख करोड़ कम है। प्रधानमंत्री ने साफ किया इस आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, श्रमिकों, किसानों और मध्यम वर्ग को फायदा मिलेगा. इसके साथ ही भारतीय उद्योग जगत को भी नई ताकत देगा।

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