सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद (Adani Hindenburg Row) की जांच कर रही सेबी ने जांच पूरी करने के लिए छह और महीने देने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले दो महीने का वक्त दिया था।
नई दिल्ली। सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने अदानी-हिंडनबर्ग विवाद (Adani-Hindenburg Row) की जांच के लिए और समय दिए जाने की मांग की है। सेबी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई की उसे जांच पूरी करने के लिए छह महीने और दिया जाए।
सेबी ने कोर्ट को बताया कि उसने एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट और विशेषज्ञ समिति को प्रथम दृष्टया निष्कर्ष प्रस्तुत किया है। सेबी ने आठ संभावित उल्लंघनों की लिस्ट बनाई है, जिसकी जांच पूरी करने के लिए अधिक समय की जरूरत है।
सेबी द्वारा बनाए गए संभावित उल्लंघनों की लिस्ट
1- संबंधित पक्ष लेन-देन (RPT) दिखाने से संबंधित उल्लंघन
2- कॉर्पोरेट प्रशासन संबंधी मामलों में उल्लंघन
3- मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (MPS) के मानदंडों का उल्लंघन
4- शेयर की कीमत में हेरफेर
5- FPI रेगुलेशन का उल्लंघन
6- ODI मानदंडों का उल्लंघन
7- इनसाइडर ट्रेडिंग रेगुलेशन और FUTP का उल्लंघन
8- शॉर्ट सेलिंग के नियमों का उल्लंघन
जांच के दायरे में हैं अदानी समूह की सात कंपनियां
अदानी समूह की सात कंपनियां सेबी की जांच के दायरे में है। इन कंपनियों की सहायक कंपनियों की भी जांच हो रही है। सेबी ने अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अदानी पावर लिमिटेड, अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड, अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अदानी टोटल गैस लिमिटेड और अदानी विल्मर लिमिटेड से दस्तावेज और जानकारी मांगी गई है।
सेबी ने कोर्ट में कहा, "मामले की जटिलता को देखते हुए जांच पूरी करने में कम से कम 15 महीने का समय लगेगा। इसे छह महीने के भीतर समाप्त करने के लिए सभी उचित प्रयास किए जा रहे हैं।"
हिंडनबर्ग रिसर्च ने लगाए थे अदाणी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने उद्योगपति गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले अदाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी और शेयरों की कीमत में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए थे। इसके बाद अदाणी समूह के शेयरों में तेज गिरावट आई थी। इस मामले को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर सवाल उठा रही है। अदाणी समूह ने आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज किया है।
2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अडाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच करने और दो महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। सेबी ने अब अपनी जांच पूरी करने के लिए छह और महीने का समय मांगा है।