राहुल गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी किया आर्टिकल 370 हटाने का समर्थन

अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के फैसले पर कांग्रेस में खुलकर मतभेद सामने आए। जहां एक ओर पार्टी के वरिष्ट नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम, मनीष तिवारी और अधीर रंजन चौधरी ने सरकार के फैसले का विरोध किया।

Asianet News Hindi | Published : Aug 6, 2019 7:31 AM IST / Updated: Aug 06 2019, 07:37 PM IST

नई दिल्ली. अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के फैसले पर कांग्रेस में खुलकर मतभेद सामने आए। जहां एक ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम, मनीष तिवारी और अधीर रंजन चौधरी ने सरकार के फैसले का विरोध किया। वहीं, राहुल गांधी के करीबी और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी, हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा ने पार्टी लाइन से हटकर मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया।

रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक और कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह ने भी अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के सरकार के फैसले का समर्थन किया। इसके अलावा राज्यसभा में कांग्रेस की व्हिप जारी करने वाले नेता भुबनेश्वर कलिता ने भी सांसद पद से इस्तीफा दे दिया।

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यह फैसला देश हित में- सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, मैं जम्मू कश्मीर-लद्दाख और भारत में इसके पूर्ण एकीकरण पर उठाए गए कदम का समर्थन करता हूं। बेहतर होता अगर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया होता। तब कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता था। फिर भी, यह हमारे देश के हित में है और इसका समर्थन करता हूं।

धारा 370 पर आए फैसले के पक्ष में हूं- अदिति सिंह
सोनिया गांधी की लोकसभा सीट से युवा विधायक अदिति सिंह ने कहा, ''धारा 370 पर आए फैसले के पक्ष में हूं। यह जम्मू-कश्मीर को एकीकृत करने में अहम भूमिका निभाएगा। यह मुद्दा पार्टी लाइन से उठकर है। मैं इसका पूरा समर्थन करती हूं। लेकिन सरकार को यह आश्वस्त करना चाहिए कि वहां के लोगों को दिक्कत न आए। यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। 

21वी सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं- हुड्डा
इससे पहले दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया था, 'मेरी व्यतिगत राय रही है कि 21वी सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है। इसे हटना चाहिए। ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नही, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है। अब सरकार की यह जिम्मेदारी है की इस का क्रियान्वयन शांति व विश्वास के वातावरण में हो।


मुंबई के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया, ''दुर्भाग्य से आर्टिकल 370 मुद्दे को बहस में उलझाया जा रहा है। राजनीतिक पार्टियों को वैचारिक मतभेदों को भूलकर भारत की संप्रभुता, कश्मीर में शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से इस बारे में सोचना चाहिए।''


यह राष्ट्रीय संतोष की बात- जनार्दन द्विवेदी
जनार्दन द्विवेदी ने भी कहा था, मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया भी जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के विरोध में थे। हम लोग छात्र आंदोलन में इसका विरोध किया करते थे। मेरा व्यक्तिगत विचार है तो उसके हिसाब से यह राष्ट्रीय संतोष की बात है।

देश का मिजाज पूरी तरह से बदल चुका है- कलिता
राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता कलिता ने सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा, ''आज कांग्रेस ने मुझे कश्मीर मुद्दे पर व्हिप जारी करने को कहा। जबकि सच्चाई ये है कि देश का मिजाज पूरी तरह से बदल चुका है और ये व्हिप देश की जन भावना के खिलाफ है। जहां तक आर्टिकल 370 की बात है तो पं. नेहरू ने खुद कहा था, आर्टिकल 370 एक दिन घिसते घिसते पूरी तरह घिस जाएगा।''

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