एयरो इंडिया 2023 के दौरान अमेरिका ने बेंगलुरू में और मारक क्षमता के फाइटर प्लेन को उतार दिया है। अमेरिकी वायुसेना की रीढ़ कहे जाने वाले 2B-1B बमवर्षक विमान एयरो शो के लिए लाइन अप हुए हैं। यह विमान अमेरिकी वायुसेना की रीढ़ कहे जाते हैं।
Aero India 2023. एयरो इंडिया 2023 के दौरान अमेरिका ने बेंगलुरू में और मारक क्षमता के फाइटर प्लेन उतारे हैं। अमेरिकी वायुसेना की रीढ़ कहे जाने वाले 2B-1B बमवर्षक विमान भी लाइन अप हुए हैं। यह विमान अमेरिकी वायुसेना में हथियारों को टार्गेटेड और नॉन टार्गेटेड जगहों तक पहुंचाने का काम करते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अमेरिका ने गुआम के एंडरसन एयरफोर्स बेस से 2B-1BLancers को बेंगलुरू के एयरो इंडिया 2023 के लिए लाइनअप किया है। जानकारी के लिए बता दें कि बेंगलुरू में चल रहे एयरो इंडिया 2023 में अमेरिका ने अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा है।
पहले भी बन चुका है एयरो शो का हिस्सा
रिपोर्ट्स की मानें तो B-1B लांसर एक सुपरसोनिक हैवीबॉम्बर है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने ठिकानों से दुनिया के किसी भी कोने में मिशन को अंजाम देने में सक्षम है। 2B-1B को अमेरिका की लंबी दूरी के बमवर्षक फोर्स की रीढ़ माना जाता है। इसके साथ ही यह अमेरिकी वायु सेना में टार्गेटेड और नॉन टार्गेटेड दोनों तरह के हथियारों को ले जाने में सक्षम है। जानकारी के लिए बता दें कि B-1B पहली बार 3 फरवरी 2021 को भारत के एयर शो के दौरान उतारा गया था। इसके बाद भारतीय वायु सेना के तेजस लड़ाकू विमान द्वारा एस्कॉर्ट किए गए एयरो इंडिया 2021 के उद्घाटन में भी B-1B ने फ्लाई-बाई का संचालन किया था।
भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी
माना जा रहा है कि जिस तरह से लंबी दूरी की सुपरसोनिक, हेवीबॉम्बर्टो भारत के एयरो इंडिया 2023 का हिस्सा बने हैं, यह कदम भारत की अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी के महत्व को भी दर्शाता है। एयरो इंडिया 2023 में B-1B के आगमन के बारे में बात करते हुए अमेरिकी वायुसेना में इंटरनेशनल मामलों के सब असिस्टेंट सेक्रेटरी मेजर जनरल जूलियन सी चीटर ने कहा कि B-1 लड़ाकू कमांडरों को कई विकल्प प्रदान करता है। यह पूरे क्षेत्र में हमारे सहयोगियों और साझेदारों के साथ सहयोग की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
अमेरिका ने जताई खुशी
नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में रक्षा मामलों से जुड़े रियर एडमिरल माइकल बेकर ने बी-1बी को भारत में दूसरी बार देखने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इन बमवर्षकों ने दक्षिण डकोटा से गुआम तक और फिर भारत तक की जर्नी पूरी की है। एयरो इंडिया 2023 के लिए यह बेहद रोमांचक है। यह अमेरिका से हिंद महासागर तक महाद्वीपीय यात्रा करने का लंबा मिशन है। हमारे प्रमुख रक्षा भागीदार भारत द्वारा आयोजित इस सबसे बड़े एयर शो का हिस्सा बनना गर्व की बात है। अमेरिका ने भारत के साथ रक्षा सहयोग को और गहरा किया है। हमारे सामने दो महान सेनाएं हैं जो बेहतर तरीके से एक साथ काम करती हैं।
कैसा है यह विमान
क्या है इस बमवर्षक विमान का बैकग्राउंड
B-1A को 1970 के दशक में B-52 की जगह लेने के लिए विकसित किया गया था। इस बमबर्षक के चार प्रोटोटाइप 1970 के दशक में डेवलप किया गया था लेकिन प्रोडक्शन से पहले ही 1977 में इस मिशन को रद्द कर दिया गया। फिर 1981 तक इसका परीक्षण जारी रहा। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रीगन के दौर में इसकी शुरूआत हुई और इस वक्त जो विमान है, वह लेटेस्ट वर्जन है। यह 74,000 पाउंड का भार ले जाने में सक्षम है।
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