Afghanistan के मौजूदा हालत ने Corona Virus से सबका ध्यान हटा दिया था, लेकिन ऐसा नहीं है। अफगानिस्तान में भी कोरोना फैला हुआ है और वहां से दूसरे देशों में जा रहे लोग भी संक्रमण लेकर पहुंच रहे हैं।
नई दिल्ली. Afghanistan पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां से बड़ी संख्या में पलायन जारी है। भारत लगातार अपने लोगों को वहां से निकाल रहा है। मंगलवार को भारत आए 78 लोगों में से 16 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। लिहाजा, सबको क्वारैंटाइन किया गया है। वैसे,ये 16 लोग एसिम्पटोमैटिक हैं। यानी इनमें वायरस के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। इनमें वो तीन सिख भी शामिल हैं, जो काबुल से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की तीन प्रतियां सिर पर उठाकर लाए थे। उनका फोटो मीडिया पर वायरल हुआ था। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी दिल्ली एयरपोर्ट पर इन प्रतियों को लेने खुद पहुंचे थे। बता दें कि अब तक अफगानिस्तान से 626 लोग भारत आ चुके हैं। इनमें 77 अफगानी सिख और 228 भारतीय हैं। इनमें अफगानिस्तान की एम्बैसी में काम करने वाले लोग शामिल नहीं हैं।
आगे और बड़ा खतरा मंडरा रहा
संयुक्त राष्ट्र(United Nation) से जुड़े यूनिसेफ ने अफगानिस्तान पर एक बड़े खतरे की अंदेशा जताया है। यूनिसेफ ने कहा कि आने वाले समय में अफगानिस्तान में भीषण सूखे, सर्दी के आगमन के साथ कोरोना वायरस की महामारी से स्थिति और बिगड़ेगी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, WHO ने सोमवार को कहा था कि काबुल हवाई अड्डा बंद होने से सर्जिकल उपकरण और कुपोषण किट समेत 500 टन से ज्यादा की चिकित्सकीय आपूर्ति फंस गई है। वहीं, यूनिसेफ ने कहा कि कहा यहां के एक करोड़ बच्चे मानवीय सहायता पर निर्भर हैं। यहां इस साल करीब 10 लाख बच्चे कुपोषित निकल सकते हैं। बता दें कि अमेरिका सहित 60 देशों ने अफगानिस्तान की आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है। इससे स्थिति और बिगड़ेगी।
अफगानिस्तान से जुड़ी ये जानकारी भी जानें
G-7 समूह ने तालिबान को दो टूक कहा है कि जब तक अफगानिस्तान में फंसे लोग बाहर नहीं निकाल लिए जाते, तब तक अमेरिकी सेना वहां मौजूद रहेगी याना काम जारी रहेगा। बता देंकि G-7 दुनिया की 7 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है। इन्होंने तालिबान से कहा है कि वो सुरक्षित रास्ता दे। इस समूह में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान के देश शामिल हैं। तालिबान कई बार चेतावनी दे चुका है कि अमेरिका 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपनी सेना बुला ले। मंगलवार को इस मुद्दे पर G7 देशों ने वर्चुअल बैठक की थी।