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अफगानिस्तान की पहली मेयर ने किया Taliban को चैलेंज-'टाइगर पूरी ताकत से हमला करने दो कदम पीछे हटता है'
काबुल. ये हैं अफगानिस्तान की पहली मेयर जरीफा गफारी (Zarifa Ghafari), जो तालिबान के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं। गफारी काबुल के पश्चिम में स्थित मैदान शहर की मेयर रह चुकी हैं। हालांकि इस समय ये जर्मनी में रह रही हैं, क्योंकि वे तालिबान के खिलाफ लड़ाई जारी रखना चाहती हैं। उन्हें जर्मनी सरकार ने शरण दी है। इसके लिए वे जर्मनी का शुक्रिया अदा करती हैं। जरीफा कहती हैं कि तालिबान और कितने कत्ल करेंगे, लेकिन अफगानी झुकने वालों में नहीं हैं। एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में जरीफा ने बिना डरे तालिबान के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
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जरीफा ने इंटरव्यू में कहा कि तालिबान से सबसे अधिक खतरा महिलाओं को है। इनमें में सबसे अधिक निशाने पर नौकरी पेशा या सोशल सेक्टर में काम कर रही महिलाएं हैं।
जरीफा गफारी ने अपने twitter पर 14 अगस्त को एक पोस्ट लिखी थी।
मेरी प्यारी मातृभूमि,
मैं जानती हूं कि तुम दर्द से पीड़ित हो। मुझे पता है कि यह तुम्हारे लिए बहुत कठिन है, क्योंकि अजनबी तुम्हें जलाते हैं और तुम्हारा विनाश चाहते हैं। लेकिन तुम्हारे असली बच्चे तुमको मजबूत बनाना चाहते हैं। अपने पूरे साहस के साथ तुम्हें इस बुरे दिनों से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
जरीफा ने इंटरव्यू में तालिबान की क्रूरता के कई खुलासे किए। उन्होंने बताया के तालिबानी लड़ाके उन्हें खोजते हुए घर पहुंचे। उनके पिता का मारा। उनके हाउस गार्ड को पीटा। लेकिन वे नहीं डरतीं। वे तालिबान की सच्चाई सारी दुनिया को बताएंगी।
(जरीफा ने यह तस्वीर अपने twitter पर 9 अगस्त को शेयर की थी)
जरीफा ने बिंदास कहा कि तालिबान और कितने लोगों को कत्ल करेगा? लेकिन अफगानी लोग पीछे हटने वालों में नहीं हैं। हालांकि जरीफा को दु:ख है कि पिछले 20 सालों में जो कुछ हासिल हुआ था, वो सब खोया जा चुका है।
जरीफा अफगानिस्तान की मौजूदा हालत के लिए सिर्फ तालिबान को नहीं, आम लोगों, नेताओं और दुनियाभर को जिम्मेदार ठहराती हैं। जरीफा ने अफसोस जताया कि लोगों ने कभी भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज नहीं उठाई। जरीफा ने इस मामले में पाकिस्तान पर भी सवाल खड़े किए।
जरीफा ने तालिबान को चेतावनी दी कि अफगानिस्तान उनका था और आगे भी रहेगा। जरीफा ने कहा कि बेशक आज उन जैसी महिलाएं अफगानिस्तान में नहीं हैं, लेकिन टाइगर पूरी ताकत से हमला करने दो कदम पीछे हटता है। जरीफा ने जर्मनी मीडिया को दिए एक अलग इंटरव्यू में कहा कि वे यहां 99% अफगानियों और महिलाओं की आवाज बनकर रह रही हैं। बता दें कि जरीफा पिछले हफ्ते इंस्ताबुल गई थीं। वहां से पूरे परिवार के साथ जर्मनी पहुंचीं।