ABHM ने उठाया नोटों से गांधीजी को रिप्लेस कर नेताजी की तस्वीर लगाने का मुद्दा, पंचायत इलेक्शन लड़ने का ऐलान

अखिल भारत हिंदू महासभा ने मांग उठाई है कि भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फोटो लगाई जाए, क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान राष्ट्रपिता से कम नहीं था।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 22, 2022 12:50 AM IST / Updated: Oct 22 2022, 06:22 AM IST

कोलकाता(Kolkata). अखिल भारत हिंदू महासभा(Akhil Bharat Hindu Mahasabha) ने मांग उठाई है कि भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फोटो(Netaji photo on currency notes replacing Gandhi) लगाई जाए, क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान राष्ट्रपिता से कम नहीं था। ABHM द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा में महात्मा गांधी की तरह दिखने वाली महिषासुर की मूर्ति की स्थापना को लेकर हंगामे के कुछ सप्ताह बाद संगठन की ओर से यह मांग की गई है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

ABHM अगले साल होने जा रहा पंचायत इलेक्शन भी लड़ेगा
ABHM के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रचूर गोस्वामी(ABHM state working president Chandrachur Goswami) ने शुक्रवार(21 अक्टूबर) को यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा-"हमें लगता है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी का योगदान महात्मा गांधी से कम नहीं था। इसलिए भारत के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका मुद्रा नोटों पर उनकी तस्वीर है। गांधीजी की तस्वीर को नेताजी के साथ बदल दिया जाना चाहिए।" चंद्रचूर गोस्वामी ने यह भी बताया कि संगठन ने अगले साल होने वाले राज्य पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला किया है। गोस्वामी की मांग ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) और कांग्रेस की इस मांग की भी आलोचना की, जिसमें भाजपा पर पश्चिम बंगाल में विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया गया। साथ ही RSS की शाखाओं को बंद कराने की मांग की गई थी।

कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि देश की आजादी में गांधी जी की भूमिका निर्विवाद है। "हम सभी जानते हैं कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे कौन था और अब उनके आदर्शों और सिद्धांतों की रोजाना हत्या हो रही है। भाजपा और आरएसएस को इसका जवाब देना चाहिए।"

महिषासुर विवाद पर सफाई
हालांकि, गोस्वामी ने फिर साफ किया कि पिछले दिनों दुर्गा पंडाल में महिषासुर के रूप में गांधीजी का चित्रण अनजाने में और महज एक संयोग था। ABHM ने दावा किया था कि यह एक संयोग था कि महिषासुर की मूर्ति, जिसका सिर गंजा था और सफेद धोती और गोल चश्मा पहने हुए थी, गांधी के समान थी। उन्होंने एक प्रेस बयान में कहा, "गांधीजी को महिषासुर के रूप में चित्रित करने का हमारा कोई इरादा नहीं था। यह अनजाने में था। इस मुद्दे पर विवाद पैदा करने की कोशिश करने वालों को ऐसा करने से बचना चाहिए।" यह भी पढ़ें-शर्मनाक: हिंदू महासभा के दुर्गा पंडाल में महात्मा गांधी को दिखाया गया महिषासुर, बवाल मचा तो दर्ज हुआ केस

राज्य में अपने संगठन की योजना पर बोलते हुए, गोस्वामी ने कहा कि संगठन अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव लड़ेगा। गोस्वामी ने यह भी कहा- "न तो टीएमसी और न ही भाजपा राज्य में हिंदू बंगालियों के अधिकारों की रक्षा करने में सक्षम है। हम उनके अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ेंगे। हम कुछ भाजपा विधायकों द्वारा बंगाल के विभाजन की मांग का भी समर्थन नहीं करते हैं। हम राज्य को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहते हैं।" गोस्वामी ने दावा करते हुए कहा-राज्य के हर जिले में ABHM का संगठन बढ़ रहा है, हम पंचायत चुनाव लड़ेंगे और आश्चर्यजनक परिणाम लेकर आएंगे।"

भाजपा ने कही ये बात
पश्चिम बंगाल भाजपा ने गोस्वामी के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी मतदाताओं को किसी विशेष समुदाय या धर्म के चश्मे से नहीं देखती है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "वे जो कह रहे हैं, हम उस पर जोर नहीं देना चाहते। लेकिन हम कहना चाहते हैं कि हम किसी विशेष समुदाय या धर्म के चश्मे से राजनीति नहीं करते।" 

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