बिहार के बाद अब इस पूर्वोत्तर राज्य में BJP सरकार को झटका देंगे नीतीश कुमार, जदयू करेगा समर्थन वापसी का ऐलान

बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी को झटका देते हुए एनडीए से अलग होने का फैसला लिया था। नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़ने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। नीतीश के इस्तीफा के बाद बिहार की राजनीति में नया समीकरण उभरा।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 30, 2022 6:13 PM IST

गुवाहाटी। बिहार (Bihar) में बीजेपी (BJP) के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जनता दल यूनाइटेड (Janata Dal United) ने मणिपुर (Manipur) में भी एनडीए (NDA) को बॉय बोलने का मन बना लिया है। जदयू जल्द ही मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस लेगी। राज्य में जदयू के 7 विधायक हैं। हालांकि, नीतीश कुमार की पार्टी के समर्थन वापसी के बाद भी मणिपुर में एन.बीरेन सिंह की सरकार पर कोई असर नहीं होगा। बीरेन सिंह सरकार बहुमत के जादुई आंकड़े से काफी अधिक संख्याबल में है।

मणिपुर विधानसभा में है 60 सीटें

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मणिपुर राज्य में 60 विधानसभा क्षेत्र हैं। यहां विधानसभा में 60 विधायक जीतकर पहुंचते हैं। इस बार हुए असेंबली इलेक्शन में बीजेपी गठबंधन ने करीब 55 सीटें जीती थी। एन.बीरेन सिंह मुख्यमंत्री बनाए गए थे। बीजेपी गठबंधन की 55 सीटों में जनता दल यू के भी 7 विधायक शामिल थे। ऐसे में अगर नीतीश कुमार की पार्टी अपने सात विधायकों का समर्थन वापस करती है तो एन बीरेन सिंह सरकार को 48 विधायकों का समर्थन हासिल रहेगा। राज्य में बहुमत के लिए 31 विधायकों का समर्थन चाहिए। एन.बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के पास 48 विधायकों का समर्थन है जो बहुमत के 31 के आंकड़े से काफी अधिक है।

बीजेपी बोली-सरकार को नहीं है कोई खतरा

मणिपुर बीजेपी इकाई ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के विधायकों का समर्थन वापसी को लेकर सुगबुगाहट पर कहा कि मणिपुर सरकार को कोई खतरा नहीं है। जनता दल यूनाइटेड के विधायकों के गठबंधन तोड़ने से सरकार पर कोई असर नहीं होने जा रहा है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हो सकता है फैसला

जनता दल यूनाइटेड की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी आगामी 3 व 4 सितंबर को पटना में आयोजित किया गया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मणिपुर के मुद्दे पर भी राष्ट्रीय नेता मंथन करेंगे। सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग में नीतीश कुमार से चर्चा के बाद मणिपुर इकाई सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान कर सकती है। दरअसल, बीते 9 अगस्त को बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी को झटका देते हुए एनडीए से अलग होने का फैसला लिया था। नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़ने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। नीतीश के इस्तीफा के बाद बिहार की राजनीति में नया समीकरण उभरा। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस व वामपंथी दलों ने नीतीश कुमार के साथ आने का फैसला किया था। नीतीश ने राजद-कांग्रेस समेत सात विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर महागठबंधन का ऐलान किया। इसके बाद 10 अगस्त केा बिहार में आठवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने शपथ ली थी। तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।

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