दुनिया के तमाम देशों की तरह ही भारत में भी कोरोना वायरस का कहर है। लोग लॉकडाउन के चलते घरों में कैद हैं। अभी कोरोना का संकट खत्म नहीं हुआ था, वहीं, असम में एक रहस्यमय वायरस चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां इस वायरस से अब तक 1950 से अधिक सुअरों की मौत हो गई है। ये सभी सुअर एक हफ्ते के भीतर मरे हैं।
गुवाहाटी. दुनिया के तमाम देशों की तरह ही भारत में भी कोरोना वायरस का कहर है। लोग लॉकडाउन के चलते घरों में कैद हैं। अभी कोरोना का संकट खत्म नहीं हुआ था, वहीं, असम में एक रहस्यमय वायरस चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां इस वायरस से अब तक 1950 से अधिक सुअरों की मौत हो गई है। ये सभी सुअर एक हफ्ते के भीतर मरे हैं। राज्य सरकार ने सुअर और मीट की बिक्री पर रोक लगा दी है।
असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने आदेश दिया है कि जो सुअरों का व्यवसाय करते हैं, वे लोग दूसरे स्थानों पर ना जाएं। इसके अलावा सुअरों की खरीद फरोख्त पर भी रोक लगाई गई है।
सुअरों की हो रही जांच
अतुल बोरा ने बताया, सुअरों की मौत की जानकारी मिलने के बाद प्रभावित जिले में टीमें भेजी गई हैं। मरने वाले सुअरों का सैंपल लिया गया है। हालांकि, अभी रिपोर्ट सामने आई है, उसमें मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। हमें आशंका है कि यह अनजान विदेशी वायरस हो सकता है।
भोपाल भेजे गए सैंपल
कृषि मंत्री ने कहा, राज्य के सभी बूचड़खाने बंद करने का आदेश जारी किया है। इसके अलावा लोगों को सुअरों के फार्म हाउस से दूर रहने को कहा गया है। जो सैंपल लिए गए थे, उन्हें अब भोपाल स्थित नेशनल इंस्टिटियूट ऑफ हाई सिक्यॉरिटी ऐनिमल डिसीज में जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही कदम उठाया जाएगा।
इन जिलों में फैला वायरस
अतुल बोरा ने बताया, सिवसागर, धेमाजी, लखीमपुर, डिब्रूगढ़, जोरहाट और बिश्वनाथ में सुअरों की मौत हुई है। इन जिलों को कंटेनमेंट घोषित किया गया है। उन्होंने बताया, असम में यह सुअरों को फ्लू होने का मौसम है। हालांकि, जानवरों को टीका लगाए गए हैं। कई जानवर स्वस्थ्य भी हैं।