Agni-5 मिसाइल के सफल टेस्ट पर PM ने दी बधाई, जानें क्यों MIRV से कांपते हैं दुश्मन, कैसे काम करती है यह टेक्नोलॉजी

DRDO ने MIRV टेक्नोलॉजी के साथ अग्नि-5 मिसाइल का सफल फ्लाइट टेस्ट किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कामयाबी के लिए बधाई दी है।

नई दिल्ली। भारत सरकार की संस्था DRDO (Defence Research and Development Organisation) ने अग्नि-5 मिसाइल का सफल टेस्ट किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कामयाबी के लिए DRDO को बधाई दी है।

 

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पीएम ने एक्स पर पोस्ट किया, "मिशन दिव्यास्त्र के लिए DRDO के वैज्ञानिकों पर गर्व है। भारत द्वारा विकसित किए गए अग्नि-5 मिसाइल का MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) टेक्नोलॉजी के साथ पहला सफल फ्लाइट टेस्ट किया गया है।"

MIRV से क्यों कांपते हैं दुश्मन?

अग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी मदद से दुश्मन पर परमाणु हमला किया जा सकता है। हर बैलिस्टिक मिसाइल की तरह इसका भी एक बैलिस्टिक पाथ होता है। इसका मतलब है कि यह एक तय रास्ते पर आगे बढ़ते हुए टारगेट पर अटैक करता है। इस तरह के मिसाइल को बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम से रोका जा सकता है। अग्नि-5 को MIRV टेक्नोलॉजी से लैस किया गया है। इसके तहत एक मिसाइल से एक बार में एक से अधिक परमाणु हथियार भेजे जाते हैं। इससे होता यह है कि टारगेट पर गिरते समय मिसाइल के साथ भेजे गए परमाणु हथियार अलग-अलग गिरते हैं। हाइपरसोनिक रफ्तार से गिर रहे सभी परमाणु हथियारों को रोक पाना कठिन होता है। यही, वजह है कि अग्नि-5 जैसे बेहद ताकतवर मिसाइल के साथ MIRV फीचर होने से दुश्मन कांपते हैं।

कैसे काम करती है MIRV टेक्नोलॉजी?

अग्नि-5 का रेंज 5000 किलोमीटर से अधिक है। यह अपने साथ करीब 1,650 kg का परमाणु हथियार ले जा सकता है। लॉन्च किए जाने पर अग्नि-5 मिसाइल पहले हवा में ऊपर की ओर उड़ान भरती है। यह पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर जाती है। इसके बाद अपने टारगेट की ओर बढ़ती है। इस दौरान मिसाइल की रफ्तार हाईपरसोनिक हो जाती है। टारगेट के करीब आने पर मिसाइल धरती की ओर मुड़ती है। अगर मिसाइल में एक परमाणु हथियार है तो वह टारगेट पर गिरता है। इस दौरान उसे एयर डिफेंस सिस्टम से हवा में ही नष्ट किया जा सकता है।

इसी फेज में MIRV टेक्नोलॉजी काम आती है। अग्नि-5 MIRV टेक्नोलॉजी से लैस है। ऐसे में एक ही मिसाइल से एक से अधिक परमाणु हथियार लॉन्च किए जा सकते हैं। मिसाइल जब अपने टारगेट की ओर मुड़ती है तब उसके अंदर रखे एक से अधिक परमाणु हथियार अलग-अलग हो जाते हैं। ऐसे में हमला किए जाने पर एयर डिफेंस सिस्टम को एक के बदले एक से अधिक परमाणु हथियार को हवा में रोकना होता है। ऐसा करते वक्त बहुत संभावना होती है कि कोई न कोई हथियार टारगेट पर गिर जाए।

यह भी पढ़ें- Explainar: अग्नि-5 की जद में पूरा चीन, जानें परमाणु हमला करने की क्षमता वाले दिव्यास्त्र की जबरदस्त ताकत 

अग्नि-5 में स्वदेशी एवियोनिक्स और बेहद सटीक अटैक करने वाले सेंसर लगे हैं। इसकी मदद से यह अपने टारगेट पर सटीक वार करता है। इस मिसाइल के एक से अधिक परमाणु हथियार को अलग-अलग टारगेट पर गिराया जा सकता है। इस तरह एक ही परमाणु मिसाइल से कई जगहों पर हमला किया जा सकता है। भारत MIRV टेक्नोलॉजी की क्षमता वाले दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है।

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