राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) को सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि बदलती चुनौतियों के लिए तैयार रहने के लिए बदलाव जरूरी है।
नई दिल्ली। सेना में भर्ती की नई स्कीम अग्निपथ (Agnipath scheme) को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने कहा कि यह बहुत जरूरी था। रक्षा से जुड़े क्षेत्र में बहुत तेजी से बदलाव हो रहा है। बदलती चुनौतियों के लिए खुद को तैयार रखने के लिए यह फैसला लेना जरूरी था।
अजीत डोभाल ने कहा कि आज पूरी दुनिया बदल रही है। युद्ध के तरीके बदल रहे है। अब बिना संपर्क वाली जंग हो रही है। हम ऐसे दुश्मन के खिलाफ लड़ रहे हैं जो दिखता नहीं है। तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है। कल जो अच्छा था वह आज भी हमारे लिए अच्छा हो यह जरूरी नहीं है। जो हम कल कर रहे थे वही आज भी करते रहें तो भविष्य में सुरक्षित रहेंगे यह संभव नहीं है। अगर हमें आने वाले कल की तैयारी करनी है तो हमें बदलना होगा।
जारी रहेगा रेजिमेंट सिस्टम
अजीत डोभाल ने कहा कि अग्निपथ से कभी भी पूरी सेना का गठन नहीं होगा। जो अग्निवीर नियमित हो जाते हैं वे अंततः गहन प्रशिक्षण से गुजरेंगे और समय के साथ अनुभव प्राप्त करेंगे। जहां तक रेजिमेंट का सवाल है, तो चीजों को समझने की जरूरत है। कोई भी रेजिमेंट की अवधारणा के साथ छेड़छाड़ नहीं कर रहा है। वे (रेजिमेंट) जारी रहेंगे। रेजिमेंट सिस्टम समाप्त नहीं हुआ है।
हिंसा करने वालों को नहीं मिलेगा सेना में भर्ती होने का मौका
अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर अजीत डोभाल ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध की इजाजत है, लेकिन हिंसा और उपद्रव की नहीं। जो युवा 'अग्निवीर' बनना चाहते हैं, उनके लिए मेरा संदेश है कि सकारात्मक रहें। राष्ट्र में विश्वास रखें, नेतृत्व पर और खुद पर भी विश्वास रखें।
उन्होंने कहा कि उपद्रव कर रहे युवकों की तस्वीरें कैमरे में कैद हो रहीं हैं। भर्ती के समय उनसे यह शपथ पत्र लिया जाएगा कि वे किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए हैं। जो लोग विरोध के नाम पर उपद्रव कर रहे हैं। उनके खिलाफ एफआईआर हो रहे हैं। ऐसे युवकों को सेना में भर्ती होने का मौका नहीं मिलेगा। बर्बरता और हिंसा की अनुमति नहीं है। इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित है। उन्हें इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।
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अधिक है सेना की औसत उम्र
अजीत डोभाल ने कहा कि एक तरफ भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। यहां कि आबादी का बड़ा हिस्सा युवा हैं। वहीं, दूसरी ओर भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जिसकी सेना की औसत उम्र अधिक है। इस स्थिति को बदलने की जरूरत है। पाकिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि हम अपने विरोधी की पसंद पर शांति और युद्ध नहीं कर सकते। अगर हमें अपने हितों की रक्षा करनी है तो हम तय करेंगे कि कब और किसके साथ और किन शर्तों पर शांति होगी।
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