Agnipath Scheme: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- कोई फैसला सुनाने से पहले सुनें हमारी बात

Published : Jun 21, 2022, 09:44 AM ISTUpdated : Jun 21, 2022, 10:00 AM IST
Agnipath Scheme: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- कोई फैसला सुनाने से पहले सुनें हमारी बात

सार

अग्निपथ योजना  (Agnipath scheme) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गईं हैं। केंद्र सरकार ने कोर्ट में प्रतिवाद दायर कर मांग की है कि कोई फैसला सुनाने से पहले उसकी बात भी सुनी जाए।  

नई दिल्ली। सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई योजना अग्निपथ (Agnipath scheme) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गईं हैं। याचिका में गुहार लगाई गई है कि अग्निपथ स्कीम को लेकर सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को खारिज किया जाए। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में केवियट (प्रतिवाद) दायर किया है। 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कोई भी फैसला सुनाने से पहले उसकी बात भी सुनी जाए। दरअसल, अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं लगाई गईं हैं। केंद्र द्वारा लगाए गए प्रतिवाद में किसी खास याचिका का जिक्र नहीं किया गया है। वकील हर्ष अजय सिंह ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र को अपनी अग्निपथ भर्ती योजना पर पुनर्विचार करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की।

युवाओं को अंधकारमय नजर आ रहा भविष्य
वकील मनोहर लाल शर्मा ने भी अग्निपथ योजना के खिलाफ याचिका लगाई है। उन्होंने इसे खारिज करने की गुहार लगाई है। मनोहर लाल ने अपनी याचिका में कहा है कि अग्निपथ स्कीम से युवाओं को अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। 14 जून को अग्निपथ स्कीम को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश और नोटिफिकेशन को खारिज किया जाए। वहीं, 18 जून को वकील विशाल तिवारी ने भी अग्निपथ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। उन्होंने इसकी जांच करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी की गठन की गुहार लगाई थी।

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 14 जून को 'अग्निपथ' योजना की घोषणा की थी। बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में इसके खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। इस योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष के बीच के लोगों को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाएगा। इनमें से 25 फीसदी को स्थायी नौकरी मिलेगी। 75 फीसदी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति होगी। उन्हें पेशन नहीं मिलेगा। बाद में सरकार ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया।

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