राष्ट्रपति चुनाव से पहले शिवसेना में गदर और इधर, TMC छोड़ना क्यों छोड़ना चाहते हैं यशवंत सिन्हा?

राष्ट्रपति चुनाव(President Election 2022) को लेकर लंबे समय से चली आ रही कश्मकश के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया है। MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद शिवसेना के एक मंत्री सहित 30 विधायक गायब हो गए हैं। उनके सूरत में होने की खबर है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चली आ रही कश्मकश में आज(21 जून) का दिन खास होगा। राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार का चयन करने भाजपा संसदीय बोर्ड ने बैठक बुलाई है। वहीं  विपक्षी दल भी इकट्ठा हो रहे हैं। बता दें कि राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होना है, जबकि रिजल्ट 21 जुलाई का आएगा।

Amitabh Budholiya | Published : Jun 21, 2022 2:02 AM IST / Updated: Jun 21 2022, 01:03 PM IST

इलेक्शन डेस्क. राष्ट्रपति चुनाव(President Election 2022) को लेकर लंबे समय से चली आ रही कश्मकश के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया है। MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद शिवसेना और निर्दलीय-छोटी पार्टियों को मिलाकर 30 विधायक गायब हो गए हैं। इनमें शिवसेना के 15, एक एनसीपी और 14 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। इनमें शिंदे के अलावा 3 मंत्री और हैं। उनके सूरत में होने की खबर है। 

राज्यसभा चुनाव के बाद विधान परिषद चुनाव में भाजपा ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन को तगड़ा झटका दिया है। भाजपा ने 10 में से 5 सीटें अपनी झोली में डाल ली हैं। मराठी मीडिया चैनलों की रिपोर्टों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से ऐसी अफवाहें चल रही थीं कि शिंदे पार्टी के कामकाज से खुश नहीं थे। नतीजे आने के बाद बीती रात सभी विधायक सीएम उद्धव ठाकरे के आवास 'वर्षा' में मिले थे। इस बैठक से एकनाथ शिंदे और ये विधायक गायब थे। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चली आ रही रस्साकशी में आज(21 जून) का दिन खास होगा। राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार का चयन करने भाजपा संसदीय बोर्ड ने बैठक बुलाई है। वहीं  विपक्षी दल भी इकट्ठा हो रहे हैं। बता दें कि राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होना है, जबकि रिजल्ट 21 जुलाई का आएगा। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा उपराष्ट्रपति  वेंकैया नायडू से मिलने पहुंचे।

(File Photo)

राष्ट्रपति चुनाव(President Election 2022) को लेकर खींचातान और लड़ाई अंतिम चरण में पहुंच गई है। इसमें आज(21 जून) का दिन खास होगा। राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार का चयन करने भाजपा संसदीय बोर्ड ने बैठक बुलाई है। वहीं  विपक्षी दल भी दिल्ली में ही इकट्ठा हो रहे हैं। बता दें कि मानसून सत्र (Parliament Monsoon session 2022) 18 जुलाई से संभावित है। इसी दिन देश के नए राष्ट्रपति का भी चुनाव होना है। मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। चुनाव का रिजल्ट 21 जुलाई को आएगा।

इधर, खबर हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफ देन की इच्छा जताई है, कयास हैं विपक्ष की तरफ से उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। सिन्हा ने tweet करके लिखा कि ममता जी ने TMC में उन्हें जो सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाई, उसके लिए वे आभारी हैं। अब समय आ गया है कि वे एक बड़े उद्देश्य के लिए पार्टी से अलग हो जाएं, ताकि विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम कर सकें। 

ममता बनर्जी की कोशिशें बेकार साबित हुईं
राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) के लिए विपक्ष की मजबूत कैंडिडेट की खोज अब तक बेकार साबित हुई है। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के तीसरे पसंदीदा प्रत्याशी महात्मा गांधी के पौत्र और पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी (Gopal Krishna Gandhi) के भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से इनकार करने से विपक्ष को तगड़ा झटका लगा है। टीएमसी नेता व पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की मीटिंग में राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए तीन नाम सुझाए थे, लेकिन पहले शरद पवार (Sharad Pawar) और फिर फारुक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) पीछे हट गए थे। गोपाल कृष्ण गांधी ने कहा-"इस मामले में गहराई से विचार करने के बाद मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो विपक्षी एकता के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति पैदा करे।"

अब शरद पवार ने संभाली कमान
21 जून को शरद पवार ने एक बड़ी बैठक बुलाई है।  इस बैठक में शामिल होने के लिए असदुद्दीन ओवैसी को भी बुलावा भेजा गया है। हालांकि इससे पहले ओवैसी को इससे अलग रखा गया था। मीटिंग में बुलाए जाने से ओवैसी खुश हैं। उन्होंने शरद पवार को शुक्रिया कहते हुए कहा कि उनकी पार्टी की तरफ से औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील शामिल होंगे। इससे पहले 15 जून को ममता बनर्जी के नेतृत्व में दिल्ली में एक विपक्ष की अहम बैठक हुई थी। इसमें भी विवाद सामने आया था। तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और आम आदमी पार्टी (AAP) मीटिंग में नहीं आई थी। AAP ने स्पष्ट किया था कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद ही वो कोई विचार करेगी। जबकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री और TRS चीफ के. चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस को बुलाए जाने पर आपत्ति  ली थी। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उन्हें न बुलाए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा था-"मुझे नहीं बुलाया गया है,अगर बुलाया जाता तो भी मैं नहीं जाता, इसकी वजह कांग्रेस है। हमें खरी खोटी सुनाने वाली TMC बुलाती तो हम इसलिए नहीं जाते, क्योंकि उन्होंने बैठक में कांग्रेस को बुलाया है।" हालांकि शरद पवार के बुलावे पर उनके तेवर नरम पड़े हैं।

भाजपा खेल सकती है बड़ा दांव
 29 जून को राष्ट्रपति पद के लिए पर्चा भरने की आखिरी तारीख है। सत्ता पक्ष ने अब तक अपना रुख क्लियर नहीं किया है। हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि इस रेस में भाजपा महिला, मुस्लिम, दलित या दक्षिण भारत की किसी हस्ती को आगे कर सकती है। भाजपा का टार्गेट 2022-23 में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव है। 

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