दक्षिण-पश्चिम मानसून(Southwest Monsoon) के आगे बढ़न में फिलहाल कोई बाधा नहीं दिखाई दे रही है। मानसून शीघ्र ही पूर्वी मध्य प्रदेश, पूरे छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के और हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है। मानसून ने मप्र के 80 प्रतिशत हिस्से को कवर कर लिया है। जानिए आगे क्या होगा...
मौसम डेस्क. दक्षिण-पश्चिम मानसून(Southwest Monsoon) के आगे बढ़न में फिलहाल कोई बाधा नहीं दिखाई दे रही है। मौसम के बारे में जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट वेदर(skymet weather) के चीफ मौसम विज्ञानी जीपी शर्मा ने कहा कि आजकल में पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और उससे सटे बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में एक चक्रवाती हवाओं(cyclonic winds) का क्षेत्र बनेगा, जो भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में हवा के पैटर्न को बदल देगा। यह चक्रवाती परिसंचरण सामान्य पूर्वी प्रवाह की शुरुआत करेगा, जो उत्तर पश्चिम भारत में मानसून के आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण है।
वहीं, भारतीय मौसम विभाग(India Meteorological Department) के सीनियर वैज्ञानिक आर के जेनामणि ने कहा कि मानसून सामान्य रूप से आगे बढ़ रहा है और अभी ऐसा कोई सिस्टम एक्टिव नहीं है, जो जो उसके रास्ते में बाधा बने। मानसून मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों, पूरे ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के अधिकांश हिस्सों और दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ गया है। मानसून के 23 जून से 29 जून के बीच उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में आने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी से पूर्वी हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) से इस अवधि के दौरान क्षेत्र में हल्की या मध्यम बारिश होने का अनुमान है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के शीघ्र ही पूर्वी मध्य प्रदेश, पूरे छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के और हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है।
(यह तस्वीर मुंबई कर है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मुंबई और ठाणे को जून तक बहुत भारी बारिश के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया)
इन राज्यों में बारिश या भारी बारिश का अलर्ट
आजकल में असम के पश्चिमी हिस्सों, सिक्किम, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, केरल के कुछ हिस्सों, तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा सहित मुंबई, दक्षिण गुजरात, पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान है। दक्षिण ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों, पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों, तमिलनाडु, लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ के बाकी हिस्सों, आंतरिक ओडिशा, मध्य प्रदेश के बाकी हिस्सों, उत्तर-पश्चिम और पूर्वी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
दिल्ली में मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञानियों ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी सामान्य तिथि 27 जून के आसपास दिल्ली पहुंचेगा और जून के अंत तक बारिश की कमी की भरपाई कर दी जाएगी।
मध्य प्रदेश में मौसम का पूर्वानुमान
दक्षिण-पश्चिम मानसून(southwest monsoon) ने भोपाल में प्रवेश कर लिया है। यह मध्य प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत हिस्से को कवर कर चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के भोपाल कार्यालय के सीनियर मौसम विज्ञानी पीके साहा ने कहा साहा ने कहा कि आजकल में नर्मदापुरम, विदिशा और बालाघाट सहित 16 जिलों में छिटपुट स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, नर्मदापुरम, सागर, रीवा और शहडोल के आठ संभागों के जिलों में छिटपुट स्थानों पर गरज के साथ छींटे पड़ने और तेज हवाएं चलने की संभावना है। पांच जिलों बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी और धार में अलग-अलग स्थानों के लिए भीषण मौसम (बिजली और तेज हवाओं के साथ गरज) की भविष्यवाणी की गई है।
बीते दिन इन राज्यों में हुई बारिश
पिछले 24 घंटों के दौरान असम और मेघालय में बहुत भारी बारिश हुई है। शेष पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम में भारी बारिश दर्ज की गई। कर्नाटक के बाकी हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग हिस्सों और राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में छिटपुट हल्की बारिश होती रही। उत्तरी तटीय तमिलनाडु,गंगीय पश्चिम बंगाल, रायलसीमा, दक्षिण गुजरात, उत्तरी कोंकण और गोवा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और दक्षिणपूर्व राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। बिहार, ओडिशा, झारखंड, शेष कोंकण और गोवा, लक्षद्वीप, तेलंगाना और विदर्भ, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र, उत्तराखंड और दिल्ली एनसीआर में हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड हुई।
मौसम में बदलाव की ये हैं वजहें
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र पर एक्टिव है। उत्तरी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी सक्रिय है। एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तर पश्चिम बंगाल और असम तक फैली दिखाई दे रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तमिलनाडु तट से दूर दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय है। एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक से दूर अरब सागर में फैली हुई है।
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