तेजी से भागते दौर में हम AI युग में जी रहे हैं। AI की शक्ति से प्रशासन को फिर से बनाया जा सकता है। यह आने वाले नएपन की नई गतिशील लहर है। इससे ज्यादा लक्ष्य हासिल होंगे।
नई दिल्ली. पिछले 10 सालों में भारत ने कई बदलाव देखे हैं। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है, ऐसा बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर ने बताया।
एक दशक में सरकार का बजट तीन गुना बढ़ाया गया है। 16 लाख करोड़ रुपये से 48 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है। कई मील के पत्थर हमारे देश ने पार किए हैं। लेकिन भारत के गुणात्मक बदलाव को बताने वाला एक और पहलू है। वह है सरकार।
तकनीक का इस्तेमाल करके, खासकर भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) का नजरिया बनाकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशासन को लीकेज और आलस्य से बदल दिया है। अब उन्होंने केंद्र सरकार और प्रशासन को सीधे ग्राहकों को सेवा देने वाला बना दिया है। तेजी से भागते दौर में हम AI युग में जी रहे हैं। DPI की शक्ति से उन्होंने दिखाया है कि कैसे तकनीक की ताकत को एक मजबूत शक्ति में बदला जा सकता है।
भारत का DPI और AI की नई लहर GovAI
GovAI भारत के DPI और AI की नई लहर है। नई तकनीक के क्षेत्र में AI की संभावनाओं पर उत्साह और अतिशयोक्ति भरी चर्चाएँ हो रही हैं। यह उत्साह काफी हद तक सही है। इसके साथ ही AI किलर ऐप के बारे में भी काफी चर्चा हो रही है। कई बातचीत को AI कंप्यूटिंग में बदला जा सकता है, क्या LLM अगले ऑपरेटिंग सिस्टम होंगे, क्या AI भाषा अनुवाद कर सकता है, दवाओं की खोज सहित कई बदलाव ला सकता है। ऐसी कई चर्चाएँ हैं।
यह और भी बहुत कुछ कर सकता है। कम ऊर्जा का उपयोग करके ज्यादा काम करने की क्षमता है, यह इसकी उम्मीद है। यह आने वाले नएपन की नई गतिशील लहर है। अगर हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पूरी तरह से सफल हो जाते हैं, तो यह स्वास्थ्य से लेकर सुरक्षा तक के काम करेगा। AI मशीनों और प्लेटफॉर्म के विकास के लिए एक मंच बन सकता है, जैसे इंसान।
मेरे हिसाब से AI का सबसे बड़ा उपयोग यह है कि यह हर नागरिक से लेकर प्रशासन तक को प्रभावित करता है। इसलिए AI का किलर ऐप प्रशासन ही है। मैं इसे GovAI कहता हूँ।
90 करोड़ भारतीयों का नेट कनेक्शन AI के मामले में तीन बातें सबसे आगे हैं। पहली, भारत की डिजिटल और वैश्विक अर्थव्यवस्था और तेजी से बढ़ रही है। अभी 90 करोड़ भारतीय इंटरनेट से जुड़े हैं। 2026 तक यह 120 करोड़ भारतीयों तक पहुँच जाएगा। इससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा जुड़ा हुआ डिजिटल देश बन जाएगा।
सरकार के डिजिटल विकास से भारत के फिनटेक और लगभग 1 लाख स्टार्टअप को बढ़ावा मिला है। DPI के जरिए डिजिटलीकरण ने भारत के स्टार्टअप, खोज के माहौल, ATDI को बढ़ावा दिया है। AI के साथ सरकारी डिजिटलीकरण का प्रभाव देश में नए अवसर पैदा करता है।
दूसरी बात, डिजिटल क्षेत्र में ज्यादा भारतीय इंटरनेट से जुड़े हैं और उसका इस्तेमाल कर रहे हैं। हर भारतीय ज्यादा डेटा का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा डेटा भंडार वाला देश बन गया है। DPI और डिजिटलीकरण से सरकारें बहुत ज्यादा व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत डेटा इकट्ठा करती हैं। डेटा AI मॉडल को प्रशिक्षित करने का ईंधन है। यह मॉडल की गुणवत्ता और क्षमता तय करता है। GovAI छोटी भाषाओं के मॉडल के साथ LLM (बड़े भाषा मॉडल) के साथ बातचीत कर सकता है।
कुशल प्रशासन कई देशों का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत में AI कार्यक्रम पहले ही सरकारी डेटासेट के नेतृत्व वाला इंडिया डेटासेट प्रोग्राम बना चुका है। यह डेटा सुरक्षा कानून के साथ व्यक्तिगत डेटा के दुरुपयोग से भी बचाता है।
तीसरी बात, कोविड के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों के कारण भारत समेत दूसरे देश अपने सरकार को कुशल बनाने के लिए संसाधन बढ़ाने के तरीके ढूंढ रहे हैं। अमेरिका समेत ज्यादातर देशों के लिए ज्यादा कुशलता हासिल करना एक राजनीतिक लक्ष्य है। DPI AI से डिजिटल सरकार के पहले चरण ने अक्षमता को दूर किया। भारत को बदला। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सरकार और कुशल होगी और समाज के बड़े हिस्से को प्रभावित करने के लिए उन्हीं संसाधनों का उपयोग कर सकती है। भारत जैसी अर्थव्यवस्था में 48 लाख करोड़ से ज्यादा रुपये इस पर खर्च किए गए हैं। यह हर साल बढ़ेगा। AI सार्वजनिक खर्च और निवेश के प्रभाव को बढ़ाने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधिकतम प्रशासन के लक्ष्य को AI द्वारा सरकार को फिर से बनाकर हासिल किया जा सकता है।
प्रशासन को फिर से बनाने में AI की मदद
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव से प्रशासन को फिर से बनाया जा सकता है, लेकिन फिर से शुरू नहीं किया जा सकता। AI को हमारे प्रशासन को फिर से बनाने वाली अगली गतिशील लहर कहा जा सकता है। GovAI सरकार को और तेज बनाएगा। ज्यादा लक्ष्य हासिल होंगे। अधिकतम प्रशासन का दृष्टिकोण सच होगा। जब पूरी दुनिया AI ऐप्लिकेशन पर बहस कर रही है, भारत के पास प्रशासन में DPI तकनीक के साथ AI के रोमांचक ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करने का मौका है।
इसके लिए सरकार, उद्यमियों, नए स्टार्टअप के बीच गहरी, टिकाऊ, विश्वसनीय और रचनात्मक साझेदारी की जरूरत होगी। इस तरह के मॉडल सरकार, IP, प्लेटफॉर्म, ऐप के आसपास काम करते हैं। भारत अभी AI की वैश्विक साझेदारी (GPAI) का अध्यक्ष है। यह तकनीक और AI के भविष्य को बनाने में विश्वसनीय और साझेदारी की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करने के लिए है। भारत GovAI का उपयोग करके प्रशासन को फिर से बनाने में सफल रहा है। AI सिर्फ कुछ कंपनियों, देश की ही रक्षा नहीं करेगा, बल्कि यह ज्यादा स्वाभाविक होगा और सभी देशों के लिए उपलब्ध होगा।
पिछले 10 सालों में भारत रोमांचक तरीके से बदला है। प्रशासन में तकनीक के वैश्विक परिदृश्य में भारत एक ध्रुवीय स्थिति में है, जिससे कई देश सीखने के लिए प्रेरित हैं। प्रशासन को किलर ऐप बनाना, AI के लिए दायरा बढ़ाना, वास्तव में प्रशासन को फिर से परिभाषित करेगा। GovAI युग में आपका स्वागत है।