अमर सिंह का 64 साल की उम्र में निधन, मोदी ने लिखा, कई राजनीतिक घटनाओं के साक्षी रहे, उनके निधन पर दुखी हूं

पूर्व समाजवादी नेता और राज्य सभा सांसद अमर सिंह का 6 महीने की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। सिंगापुर में उनका इलाज चल रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमर सिंह डेढ़ महीने से आईसीयू में भर्ती थे। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी थी, जिसका इलाज चल रहा था। 27 जनवरी 1956 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जन्मे अमर सिंह 64 साल के थे।  

Asianet News Hindi | Published : Aug 1, 2020 11:19 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:19 PM IST

नई दिल्ली. पूर्व समाजवादी नेता और राज्य सभा सांसद अमर सिंह का 6 महीने की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। सिंगापुर में उनका इलाज चल रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमर सिंह डेढ़ महीने से आईसीयू में भर्ती थे। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी थी, जिसका इलाज चल रहा था। 27 जनवरी 1956 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जन्मे अमर सिंह 64 साल के थे।  

अमर सिंह के निधन पर पीएम मोदी ने लिखा, अमर सिंह जी एक ऊर्जावान सार्वजनिक व्यक्ति थे। पिछले कुछ दशकों में, उन्होंने कई  प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम देखे। वह जीवन के कई क्षेत्रों में अपनी दोस्ती के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से दुखी। उनके दोस्तों और परिवार के प्रति संवेदना। शांति।

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमल नाथ की तरफ से ट्वीट किया गया, राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के दुःखद निधन का समाचार प्राप्त हुआ। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान व पीछे परिजनो को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, राज्यसभा सांसद अमर सिंह जी के दुखद निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें। 

सुरेश प्रभु ने लिखा, मेरे मित्र और सहकर्मी अमर सिंह का निधन हो गया। इस दुर्भाग्यपूर्ण समाचार से दंग और दुखी हूं। उन्होंने हमेशा जीवन की विषमताओं के साथ संघर्ष किया। 

6 जनवरी 2010 में समाजवादी पार्टी के सभी पदों से दे दिया था इस्तीफा 

अमर सिंह का जन्म 27 जनवरी 1956 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हुआ था। वे समाजवादी पार्टी के महासचिव और राज्य सभा सांसद रहे। 6 जनवरी 2010 को इन्होंने समाजवादी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। साल 2016 में इनकी समाजवादी पार्टी में वापसी हुई।

1996 में अमर सिंह की मुलायम सिंह यादव से हुई थी मुलाकात

अमर सिंह की साल 1996 में एक फ्लाइट के दौरान तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह से मुलाकात हुई, जिसके बाद उन्होंने राजनीति में इंट्री ली। हालांकि, इससे पहले भी वह मुलायम सिंह से मिल चुके थे, लेकिन फ्लाइट में मुलाकात के बाद ही मुलायम सिंह ने अमर सिंह को पार्टी का महासचिव बनाने का फैसला किया था।

कभी समाजवादी पार्टी के प्रमुख रहे मुलायम सिंह यादव के दाहिने हाथ माने जाने वाले अमर सिंह नवंबर 1996 में राज्यसभा के सदस्य मनोनीत किए गए।

मुलायम सिंह यादव के थे दाहिने हाथ

कभी समाजवादी पार्टी के प्रमुख रहे मुलायम सिंह यादव के दाहिने हाथ माने जाने वाले अमर सिंह नवंबर 1996 में राज्यसभा के सदस्य मनोनीत किए गए। 2008 में मनमोहन सरकार द्वारा विश्वास मत हासिल करने की बहस के दौरान भाजपा के तीन सांसदों ने संसद में एक करोड़ रुपए के नोटों की गड्‍डियां दिखाई थीं। सांसदों ने आरोप लगाया कि मनमोहन सरकार ने अमर सिंह के माध्यम से उनके वोट खरीदने की कोशिश की थी।

2011 में तिहाड़ जेल भेजे गए थे अमर सिंह

6 सितंबर 2011 को अमर सिंह भाजपा के दो सांसदों के साथ तिहाड़ जेल भेजे गए। कैश फॉर वोट कांड में अमर सिंह को जेल हुई थी। अमर सिंह ने राष्ट्रीय लोकमंच पार्टी की स्थापना की। 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय लोकमंच के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।

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